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पूरे भारत में होगी जोरदार बारिश! जानें अपने राज्य के मौसम का हाल


भारत में मॉनसून के आगमन के साथ ही अलग-अलग राज्यों में भीषण बारिश देखने को मिल रही है। उत्तराखंड और हिमाचल में भीषण बारिश ने कहर ढाया हुआ है। यहां भूस्खलन और बाढ़ के कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अलग-अलग राज्यों के लिए मौसम का अलर्ट जारी किया है, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान लगाया गया है। इस बीच कई एक्टिव मॉनसून प्रणालियों के कारण, उत्तर-पश्चिम, मध्य, पूर्वी और तटीय राज्यों में लगातार और तेज बारिश होने की संभावना जताई गई है।

दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार रात को भारी बारिश हुई, जिससे लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली। मौसम विभाग ने क्षेत्र में मौसम की स्थिति में अचानक बदलाव देखा और आने वाले दिनों में आंधी और छिटपुट बारिश की संभावना जताई है। मौसम विभाग के मुताबिक, 4 से 6 जुलाई के बीच राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में तापमान में मामूली गिरावट के साथ-साथ रुक-रुक कर बारिश होने की संभावना है। 5 और 6 जुलाई के आसपास गरज के साथ बारिश होने की संभावना है, जिससे गर्मी और कम होगी। हालांकि इस दौरान हवा का रुख बदल सकता है।

आईएमडी ने बताया कि सक्रिय मानसून ट्रफ और चक्रवाती परिसंचरण के कारण पूर्वी राजस्थान में अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है, जबकि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा में 5 से 9 जुलाई के बीच व्यापक वर्षा हो सकती है। इन क्षेत्रों में 6 से 7 जुलाई के बीच वर्षा की गतिविधि चरम पर रहने की उम्मीद है। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और जम्मू क्षेत्र में बारिश के साथ-साथ छिटपुट गरज, बिजली और तेज हवाएं (30-40 किमी/घंटा) चलने की उम्मीद है। पहाड़ी क्षेत्रों में मध्यम से भारी बारिश होने की वजह से बाढ़ का खतरा भी बना हुआ है।

मौसम विभाग के मुताबिक, कोंकण, गोवा और महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों सहित पश्चिमी तटीय क्षेत्र, अरब सागर से आने वाली नमी और मजबूत अपतटीय गर्त के कारण अलर्ट पर है। 4 जुलाई को और फिर 6 से 7 जुलाई के बीच, विशेष रूप से दक्षिण कोंकण, गोवा और मध्य महाराष्ट्र में अत्यधिक भारी वर्षा का पूर्वानुमान है। गुजरात, सौराष्ट्र और कच्छ में भी इस सप्ताह भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना। सौराष्ट्र के निचले इलाकों में अचानक बाढ़ आने की संभावना बनी हुई है।

मौसम विभाग के मुताबिक, मानसून प्रणाली के एक मजबूत अभिसरण से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में भारी बारिश होने का अनुमान है। 4 से 7 जुलाई तक पूर्वी मध्य प्रदेश में बहुत भारी बारिश होगी, जिसके बाद पश्चिमी मध्य प्रदेश में भी भारी बारिश होगी। निचले शहरी इलाकों में नदियों का उफान और जलभराव मुख्य चिंता का विषय बना हुआ है। ओडिशा में 5 जुलाई तक बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है। इस कारण शहरी इलाके में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में भी 6 और 7 जुलाई को अलग-अलग स्थानों पर बहुत भारी बारिश हो सकती है। बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 9 जुलाई तक तेज हवाओं और गरज के साथ लगातार बारिश होने की संभावना है।

मौसम विभाग के मुताबिक, असम के ऊपर चक्रवाती परिसंचरण के कारण पूर्वोत्तर भारत में बारिश की गतिविधि सक्रिय बनी हुई है। असम और उसके पड़ोसी क्षेत्रों जैसे राज्यों में पूरे सप्ताह मध्यम से भारी बारिश के साथ-साथ गरज और बिजली गिरने की संभावना है। 6 जुलाई को मेघालय में अत्यधिक भारी बारिश के लिए हाई अलर्ट जारी किया गया है। आईएमडी ने संवेदनशील पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन के बढ़ते जोखिम को लेकर भी चेतावनी जारी की है।

बता दें कि बारिश की मार से दक्षिणी भारत भी अछूता नहीं है। तटीय कर्नाटक और केरल में 9 जुलाई तक भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। इस दौरान हवा की रफ्तार 50 किमी/घंटा तक पहुंच सकती है और समुद्र की स्थिति खराब हो सकती है। कोच्चि जैसे शहरी केंद्रों में स्थानीय स्तर पर बाढ़ आने की संभावना बनी हुई है। इसके अलावा कर्नाटक के आंतरिक क्षेत्रों, माहे, तेलंगाना और तमिलनाडु में भी अलग-अलग तीव्रता की बारिश होगी। तेलंगाना में 4 जुलाई को भारी बारिश और गरज का अनुमान है।

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