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अमेठीः ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में भी उपलब्ध हैं एंटी वेनम इंजेक्शन! झाड़ फूंक के चक्कर में पड़कर होती है मौतेे -सीएमओ


अमेठी। विषधर का नाम सुनते ही एक अजीब सा डर दिलों और दिमाक पर छा जाता हैं जी हां बरसात और उमस भरी गर्मी यानी सांप का मौसम आ गया है। बरसात में सर्पदंश की घटनाएं ज्यादा होती हैं। पहले भी जिले में सर्पदंश के कारण कई मौतें हो चुकी हैं। इनमें से अधिकतर की मौत का कारण सर्पदंश के बाद झाड़ फूंक करवाना है। इसे इलाज में देरी हो जाती है, आज भी अज्ञानता के चलते परिजनों द्वारा झाड़ फूंक का सहारा लिया जाता है। इलाज में देर होने के कारण इनकी मौत हो जाती है। वहीं दूसरी ओर जिला अस्पताल और प्रमुख सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ साथ बाकी के ग्रामीण क्षेत्र में संचालित होने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उप स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी स्नेक वेनम का उपलब्धता है। इसके चलते ग्रामीण क्षेत्र में होने वाली सर्पदंश की घटनाओं में अगर मरीजों को अस्पताल ले जाते हैं तो वहां सांप काटने का इंजेक्शन आसानी से मिल जाता हैं । भेंटुआ सीएचसी प्रभारी अभिमन्यु वर्मा के अनुसार निशान स्पष्ट न होने की दशा में प्राथमिक उपचार के बाद मरीजों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। ऐसे में लोगों को अब भटकना नहीं पड़ता है अज्ञानता के कारण भी कई लोग अपने आसपास झाड़फूक के चक्कर में पड़ जाते हैं। सांप के आगे के दो दांतों में विष होता है। जिस व्यक्ति को सांप ने डसा है, उसके शरीर के मांस में उसके दांत धंस जाते हैं और खून में धीरे-धीरे जहर फैलने लगता हैं। इस जगह पर सांप ने डसा है, उसके ऊपर कपड़ा बांध देना चाहिए तथा उसके शरीर को अधिक हिलाना-डुलाना नहीं चाहिए। इससे कि जहर पूरे शरीर में न फैले। जहर के प्रभाव को कम करने के लिए कुछ घरेलू उपायों का भी प्रयोग कर सकते हैं। इससे आप उस व्यक्ति की जान को बचा सकते हैं। सांप काटने के उपचार में सबसे महत्वपूर्ण है कि, जहर को फैलने से बचने के लिए पीडित को यथासंभव सीधा रखते हुए आरामदायक स्थिति में लिटाएं, हवा का झोंखा दें। प्रयास करें, कि व्यक्ति नींद में न जाए घाव को साफ पानी से धोकर गीले और साफ पट्टी से कवर करें। तुंरत एम्बुलेंस को कॉल करें। नीम हकीमों में समय व्यर्थ न करें। जानकारी के अनुसार अस्पतालों में एंटी स्नेक वेनम एवं अन्य दवाइयां की उपलब्ध होनी चाहिए। सर्पदंश से घबराने की जरूरत नहीं अस्पताल पहुंचकर एंटी स्नेक वेनम निःशुल्क लगवाना चाहिए। जहरीले सांप के काटने पर व्यक्ति के शरीर में अकड़न अथवा कपकपी के साथ पलकों में भारीपन मुंह से अत्यधिक लार निकलना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। काटे गए स्थान पर दर्द के साथ घाव में लालिमा के साथ चारों ओर सूजन, त्वचा के रंग में बदलाव एवं अत्यधिक प्यास के साथ, पेट-सिर दर्द, मांसपेशियों में कमजोरी, सांस लेने मे कठिनाई, धुंधली दृष्टि, जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं। सरकारी अस्पतालों की श्रेणी में आने वाले अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व स्वास्थ्य उप केन्द्र को मूल रूप से गांव का ही अस्पताल माना जाता है। जहां सांप काटने वाली दवा पहले उपलब्ध नहीं रहती थीं।गर्मी व बरसात के दिनों में सबसे अधिक सांप काटने की घटना घटती है। खासकर ग्रामीण क्षेत्र में। इस संबंध में अमेठी सीएमओ ने बताया कि पहले लोग झाड़ फूंक के चक्कर में पड़कर जब पीड़ित की स्थिति बिल्कुल खराब हो जाती है तब अस्पताल पहुंचते हैं ऐसे में ज्यादा खराब स्थिति देखते हुए डॉक्टर द्वारा प्राथमिक अस्पताल अथवा जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया जाता है जिस तरह से एंटी बेनम स्नेक की उपलब्धता ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में बढ़ी है उसी के अनुरूप ग्रामीण क्षेत्रो में जागरूकता भी बढ़ाने के लिए सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे।

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