उन्नाव। मोहर्रम के पाक महीने की छठी तारीख को उन्नाव शहर के चैधराना मोहल्ले में हजरत कासिम (अ.स) की शहादत की याद में परंपरागत मेंहदी और अलम का जुलूस बड़े ही अकीदत और गमगीन माहौल में निकाला गया। यह जुलूस चैधरी कासिम हुसैन जैदी के इमामबाड़े से शुरू होकर शहर के प्रमुख मार्गों से होता हुआ वापस चैधराने पहुंचकर संपन्न हुआ। जुलूस में बड़ी संख्या में अजादारों ने शामिल होकर हजरत कासिम (अ.स) की कुर्बानी को याद किया और नौहा व मातम करते हुए गम का इजहार किया।
हजरतासिम (अ.स) हजरत इमाम हसन (अ.स) के बेटे और कर्बला के जांबाज शहीदों में शामिल थे। उनका किरदार मोहर्रम के अवसर पर मुस्लिम समाज के लिए एक मिसाल है। जुलूस के दौरान अकीदतमंदों ने उनकी शहादत पर गम जाहिर करते हुए नौहाख्वानी और सीनाजनी की। इमामबाड़े से निकलते वक्त मेंहदी की मजलिस का आयोजन किया गया, जिसमें मौलाना ने हजरत कासिम (अ.स) की जिंदगी और उनके कर्बला में दिए गए बलिदान पर विस्तार से रौशनी डाली।
जुलूस चैधराने से निकलकर धुबियाना, पुरानी बाजार और रामनगर इलाकों से होते हुए पुनः चैधराने में लौट आया। इस दौरान पूरे रास्ते को सजाया गया था और स्थानीय नागरिकों द्वारा अकीदतमंदों की सेवा के लिए जगह-जगह सबील और शरबत की व्यवस्था की गई थी
प्रशासन की ओर से जुलूस की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए थे। भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती के साथ-साथ मजिस्ट्रेट और प्रशासनिक अधिकारी भी जुलूस मार्ग पर मुस्तैद रहे। यातायात को नियंत्रित रखने के लिए विशेष प्रबंध किए गए ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।
जुलूस के शांतिपूर्ण आयोजन के लिए स्थानीय लोगों और अंजुमनों ने आपसी सहयोग से माहौल को सौहार्दपूर्ण बनाए रखा। अकीदतमंदों ने इस मौके पर कर्बला के शहीदों की याद में दुआ की और इंसानियत, त्याग और सच्चाई के रास्ते पर चलने का पैगाम दिया।
इस अवसर पर अंजुमन जाफरिया, अंजुमन अब्बासिया, अंजुमन शम्सुल उलमा समेत कई मजलिसी संगठनों ने हिस्सा लिया और आयोजन को सफल बनाया।