कुर्सी सेवा के लिए है, घमंड के लिए नहीं-मुख्य न्यायाधीश
July 26, 2025
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) भूषण गवई ने दर्यापुर (अमरावती) में नवनिर्मित न्यायिक भवन के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लिया. जहां उन्होंने कहा कि यह कुर्सी जनता की सेवा के लिए है न कि घमंड के लिए. कुर्सी अगर सिर पर चढ़ जाए तो यह सेवा नहीं, बल्कि पाप बन जाती है. CJI भूषण गवई ने अपने संबोधन में न्यायपालिका के भीतर व्याप्त अहंकार और औपचारिकता के प्रति नाराजगी जताई. विशेष रूप से उन्होंने वकीलों और न्यायाधीशों के आपसी संबंधों पर जोर देते हुए कहा न्यायाधीशों को वकीलों को सम्मान देना चाहिए. यह अदालत वकील और न्यायाधीश दोनों की है.
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) भूषण गवई ने ने जूनियर वकीलों की ओर इशारा करते हुए कहा, "25 साल का वकील कुर्सी पर बैठा होता है और जब 70 साल का सीनियर आता है तो उठता भी नहीं. थोड़ी तो शर्म करो!
दर्यापुर और अंजनगांव के लिए 28.54 करोड़ रुपये की लागत से बनी नई न्यायालय इमारत न केवल सुविधाजनक इंफ्रास्ट्रक्चर है, बल्कि यह न्याय के प्रति सरकारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है. इसमें सिविल और क्रिमिनल दोनों मामलों की सुनवाई हो सकेगी. उद्घाटन समारोह में न्यायपालिका से लेकर जिला प्रशासन, पुलिस अधिकारी और सैकड़ों आम नागरिक मौजूद थे.
पूरे कार्यक्रम में उनका संदेश एक ही था कि पद मिला है, तो झुकना सीखो, अकड़ना नहीं.उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रशासनिक या न्यायिक पद कोई विशेषाधिकार नहीं, बल्कि जनता की सेवा का एक माध्यम है. उन्होंने कहा कि कुर्सी सिर में घुस गई तो न्याय का मोल खत्म हो जाएगा. ये कुर्सी सम्मान की है, इसे घमंड से अपमानित न करें