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रूस में 8.8 तीव्रता के भूकंप के बाद सुनामी का खतरा बरकरार


रूस के कामचाटका प्रायद्वीप में बुधवार सुबह आए 8.8 तीव्रता के भूकंप ने पूरे प्रशांत क्षेत्र में सुनामी की चेतावनियों और जन निकासी की प्रक्रिया को ट्रिगर कर दिया है। इससे लोग अभी भी दहशत में हैं। रूस के तटीय इलाकों में इस बीच 4 मीटर से ज्यादा समुद्री लहरें उठती देखी गईं। समुद्र में पूरी तरह से उथल-पुथल मची है। इससे समुद्री जीव भी जल से निकलकर बाहर की ओर आ रहे हैं।

रूस में आए भयंकर भूकंप के बाद सुनामी का असर कई देशों में देखा जा रहा है। रूस में कुछ स्थानों पर 4 मीटर ऊंची लहरें देखी गईं, जबकि जापान, हवाई, चीन और दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में लहरें 30 सेंटीमीटर से 3 मीटर के बीच हो सकती हैं। मगर चेतावनी दी गई है कि

सुनामी लहरें अचानक तेज हो सकती हैं। वैज्ञानिक बताते हैं कि लहरों की ऊंचाई अंतिम समय तक सटीक अनुमान नहीं लगाई जा सकती। तटीय स्थल की भौगोलिक स्थिति और समुद्र की गहराई लहरों को अप्रत्याशित रूप से खतरनाक बना सकती हैं।

सुनामी के खतरे को देखते हुए लाखों लोगों को तटीय क्षेत्रों से विस्थापित किया जा चुका है। क्योंकि देर से निकासी से अफरा-तफरी, यातायात जाम और जान का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए पहले से निकासी करना अधिक सुरक्षित होता है, भले ही खतरा कम दिखाई दे।
अगर चेतावनी को नजरअंदाज किया गया, तो लोग समय पर नहीं निकलते।

2004 की हिंद महासागर सुनामी में 2.27 लाख से अधिक लोग मारे गए थे। वहीं 2011 की जापान सुनामी में, जहां चेतावनी और अभ्यास होने से 20,000 से कम मौतें हुईं। हालांकि जापान जैसे देशों में सुनामी अलार्म, ऊंचे सुरक्षित भवन और सरकारी अभ्यास हैं। अधिकांश विकासशील देशों में ये नहीं हैं, जिससे मौत दर ज्यादा होती है।

पहले केवल भूकंप की स्थान और तीव्रता के आधार पर अनुमान लगाए जाते थे, जिससे कई फॉल्स अलार्म होते थे। अब DART सिस्टम (Deep-ocean Assessment and Reporting of Tsunamis) जैसी प्रणालियों से समुद्र की गहराई में दबाव परिवर्तन मापा जाता है, जिससे लहरों की सटीक ऊंचाई और खतरे का अनुमान बेहतर होता है।

यदि अधिकारियों द्वारा निकासी आदेश दिया गया है, तो उसे तुरंत मानें।"लहर छोटी है तो कुछ नहीं होगा" जैसी सोच जानलेवा साबित हो सकती है।पहले निकलना, सही रास्तों से निकलना, और सुनामी खत्म होने की आधिकारिक पुष्टि तक वापस न आना ही सबसे सुरक्षित तरीका है। पर चेतावनी और समझदारी भरा व्यवहार यही जीवन की गारंटी है।

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