सरकारी कर्मचारियों को मुंबई लोकल में नहीं खाने होंगे धक्के, 30 मिनट देरी से ऑफिस पहुंचने का नियम लागू
July 17, 2025
मुंबई की लोकल ट्रेनों को मुंबई की जान कहा जाता है। प्रतिदिन मुंबई लोकल में हजारों या यूं कहें लाखों लोग यात्रा करते हैं और एक स्थान से दूसरे स्थान जाते हैं। इस कारण पीक आवर्स में मुंबई लोकल में खूब भीड़भाड़ देखने को मिलता है। इस कारण कई बार हादसा भी हो जाता है। ऐसे में महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई लोकल में भीड़ को कम करने के प्रयास के तहत गुरुवार को अपने कर्मचारियों को सामान्य से आधे घंटे देर से काम पर आने का विकल्प देने का फैसला किया है। राज्य सरकार के इस कदम का उद्देश्य पीक आवर्स में मुंबई लोकस में भीड़ को कम करना और खचाखच भरे डिब्बों में जूझने वाले हजारों यात्रियों को कुछ राहत प्रदान करना है।
महाराष्ट्र सरकार के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने इसे लेकर कहा कि कर्मचारी अपने काम के टाइम को एडजस्ट कर सकते हैं। उन्होंने राज्य विधानसभा में एक सत्र के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि इसके पीछे का उद्देश्य काम के समय में एडजस्टमेंट करना है ताकि सुबह और शाम के वक्त रेलवे नेटवर्क पर भीड़ ना हो। हालांकि, मंत्री ने यह भी साफ कर दिया कि अगर कोई कर्मचारी आधे घंटे लेट से दफ्तर पहुंचता है तो उसकी भरपाई उसी दिन काम के घंटे बढ़ाकर की जागी, ताकि वर्किंग आवर और काम में कोई परिवर्तन ना हो। उन्होंने आगे कहा कि निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए इसी तरह के समायोजन का अध्ययन और कार्यान्वयन करने के लिए जल्द ही एक 'टास्क फोर्स' का गठन किया जाएगा।
राज्य सरकार का यह बयान रेल दुर्घटनाओं और भीड़भाड़ को लेकर बढ़ती चिंताओं के मद्देनजर आया है। गौरतलब है कि यह मुद्दा पहले विधायक अतुल भातखलकर ने विधानसभा में उठाया था, जिन्होंने मुंबई के व्यस्त रेल मार्गों पर दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या पर प्रकाश डाला था। लेकिन सरनाईक ने यह स्वीकार करने में संकोच नहीं किया कि शहर की जीवनरेखा के लिए भीड़भाड़ एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को अन्य सार्वजनिक परिवहनों, जैसे मेट्रो ट्रेनों व अन्य वैकल्पिक साधनों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने को लेकर प्रयास किया जा रहा है। मंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार सभी यात्रियों के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।