सोनभद्र। अवैध बालू खनन का खेल चोपन,ओबरा,जुगैल में पूरी रात बदस्तूर बेखौफ चलती हैं जेसीबी,पोकलेन नदी में जहां सूबे की सरकार खुद को बेदाग़ बताने और जताने में कोई कोर कसर नही रखना चाहती, "जीरो टॉलरेंस" बताने वाले क्यो नही करने माफियाओं पर कार्यवाही चाहे बालू और गिट्टी के दाम आम आदमी की पहुंच से दूर होकर आसमान क्यों ना छू लें। अब तक की रिकॉर्ड कीमत पर बिक रही बालू इसी का नतीजा है। सोन नदी,रेणुका नदी में शाम ढलने के साथ ही खनन माफियाओं की हनक और खेल दिख जाता। है। सफेदपोश भी इस कदर हावी हैं कि खनन स्थल से बाजार तो निकलवा रहे हैं उसको पहुँचवाने की जिमा भी रखते हैं। माफियाओं की ऊंची रसूख एवं पकड़ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है। सरकार चाहे जिसकी भी हो, हमारे उपर कोई फर्क नहीं पड़ता। हुकूमत हम चलाते हैं। माफिया दावा करते नहीं थक रहे कि थानों के जिम्मेदार। जैसे चर्चित एसके बायो इन्ट्राक्ट एंड एप्लीकेशंस प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद खेवन्धा बालू साइड खण्ड व, हेक्टर अराजी सो-246 है। वही विधिन अनियमितताओं के मद्देनजर खनन विभाग ने उक्त खदान को जुर्माना भी लगाया था पूर्व में। खनन विभाग के लिए बड़ा प्रश्न है। बालू साइडों पर दो दर्जन से ज्यादा बालू लोड करने वाली वाहन सहित लोडिंग कर रही पोकलेन मशीन मौके पर मौजूद भी रहती थी। जून का महीना भी चल रहा है जैसे ही बरसात हुई बालू बन्द हो जाएगी उसके पहले ही इतना जबरजस्त अवैध खनन हो रहा हैं कि खनन माफिया हवस के पुजारी हो गए है।कछुआ,घड़ियाल,मछली,जैसे जलीय जंतु मर रहे हैं।कुछ तो खनन वन विभाग में आते हैं वो भी मुख दर्शक बना हुआ हैं। अभी तक पट्टेधारक के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है।
!doctype>