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Sonebhadra: आधी रात को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने “आंतरिक अशांति”का बहाना बनाकर भारत पर आपातकाल थोपा-अशोक चौरसिया

22 महीने तक जेल में रहे आपातकाल के दौरान कांग्रेस की क्रूरता सरकार ने प्रेस की स्वतंत्रता को छीना।

दिनेश पाण्डेय(ब्यूरो)

सोनभद्र। ब्लाक राबर्ट्सगंज सभागार में लोकतंत्र सेनानी सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 50 वर्ष पूर्व तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के द्वारा आपातकाल लगाने के विरोध में आज काला दिवस के रुप में मनाया गया जिसमें लोकतंत्र सेनानी सुरेन्द्र बरनवाल, परशुराम गिरी, अक्षय लाल, हरिशंकर त्रिपाठी, कमलेश देवी, रमाशंकर त्रिपाठी को मुख्यअतिथि अशोक चौरसिया व भाजपा जिलाध्यक्ष नन्दलाल गुप्ता, जिला प्रभारी अनिल सिंह, पूर्व सांसद रामशकल, विधायक सदर भूपेश चौबे के द्वारा अंगवस्त्र, श्रीरामदरबार का स्मृति चिन्ह व माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया। अशोक चौरसिया ने कहा कि लोकतंत्र को क्षतविक्षत कर रक्तरंजित करने वाले आपातकाल की भयावहता आज भी स्मृतियों में जीवित है। कांग्रेस ने अपने दम्भ और अहंकार में क्रूरता और दमन की पराकाष्ठा से 50 वर्ष पूर्व लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक व्यवस्थाओ पर सीधा हमला किया। 25 जून 1975 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने “आंतरिक अशांति” का बहाना बनाकर भारत पर आपातकाल थोप दिया। यह निर्णय किसी युद्ध या विद्रोह के कारण नहीं, बल्कि अपने चुनाव को रद्द किए जाने और सत्ता बचाने की हताशा में लिया गया था। 

कांग्रेस पार्टी ने इस काले अध्याय में न केवल लोकतांत्रिक संस्थाओं को रौंदा, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता, न्यायपालिका की निष्पक्षता और नागरिको को मौलिक अधिकारों को कुचलकर यह स्पष्ट कर दिया कि जब-जब उनकी सत्ता संकट में होती है, वे संविधान और देश की आत्मा को ताक पर रखने से पीछे नहीं हटते। वही राहुल गांधी भी अपना रहे हैं नीयत आज भी वैसी ही तानाशाही वाली है। सम्मान समारोह को संम्बोधित करते हुए जिला प्रभारी अनिल सिंह ने कहा कि 25 जून 1975 को तत्कालीन कांग्रेस की सरकार देश में आपातकाल लागू किया उस समय जनसंघ के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को खोज खोज कर उन्हे जेल में डाला गया उनके साथ बर्बरता पूर्ण व्यवहार किया गया उस समय के कार्यकर्ताओं के ही नही बल्कि उनके परिवार वालों के साथ दुर्व्यव्यवहार किया गया। उस समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने पद और महत्वाकांक्षा के लिए आपातकाल लगाया था। सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए सदर विधायक भूपेश चौबे ने कहा कि देश में आपातकाल लगाने के पीछे न कोई युद्ध की स्थिति थी, न विद्रोह और न ही कोई बाहरी आक्रमण हुआ, यह सिर्फ इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा इंदिरा गांधी की चुनावी सदस्यता रद्द करने के निर्णय को निष्क्रिय करने और अपनी कुर्सी को बचाने की जिद थी। कार्यक्रम मे आये हुए सभी अतिथियों का ब्लॉक प्रमुख अजीत रावत ने अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह व माल्यार्पण कर स्वागत करते हुए सभी कार्यकर्ताओं व लोकतंत्र सेनानियों का आभार प्रकट किया।
सम्मान समारोह में क्षेत्रीय अध्यक्ष अनुसूचित जाति मोर्चा अजीत रावत, पूर्व अनुसूचित आयोग के उपाध्यक्ष रामनरेश पासवान, पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक मिश्रा, अजीत चौबे, धर्मवीर तिवारी, रामलखन सिंह, जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि जुगैल संजीव तिवारी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य मनोज सोनकर, ओमप्रकाश दूबे, कृष्णमुरारी गुप्ता, विनय श्रीवास्तव, विशाल पाण्डेय, संतोष शुक्ला, अनूप तिवारी, बृजेश श्रीवास्तव, पुष्पा सिंह, गुड़िया तिवारी,रूबी गुप्ता, कमलेश चौबे, सहित आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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