अधिवक्ता विकास शाक्य. के खिलाफ मुकदमा नहीं लड़ने का दबाव बनाने के लिए बार् कॉउंसिल मे झूठी शिकायत फाइल कर चुका है जिसमें विकाश शाक्य के पक्ष में फैसला हुआ है।
सोनभद्र। चोपन चेयरमैन इम्तियाज अहमद के हत्याकांड के मामले में वादी मुकदमा मृतक के भाई उस्मान अली द्वारा खनन उद्यमी राकेश जयसवाल के विरुद्ध जाली दस्तावेज को झूठे साक्ष्य बनाकर अदालत में प्रस्तुत करने के मामले पर अधिवक्ता विकाश शाक्य के द्वारा प्रस्तुत तर्कों को सुनने के पश्चात अदालत ने उस्मान अली को गिरफ्तार करने का गिरफ्तारी आदेशिका जारी करने का आदेश दे दिया है। चोपन चेयरमैन इम्तियाज अहमद की हत्या 25 अक्टूबर 2018 को चोपन ग्रेनवॉल पार्क में गोली मारकर कर दी गई थी जिसमें एक हमलावर करवाइन के साथ तत्काल गिरफ्तार भी कर लिया गया था इस मामले में आधा दर्जन से अधिक लोगों के गिरफ्तारियां हुई थी इसी प्रकरण में स्थानीय खनन व्यवसायी राकेश जयसवाल, रवि जालन तथा सर्वेंद्र मिश्रा को भी नामजद अभियुक्त बना दिया गया था। इस मामले मे विशेष अनुसंधान शाखा सीबीसीआईडी ने विवेचना की जिसमें राकेश जयसवाल, रविंजालान तथा सर्वेंद्र मिश्रा की नामजदगी गलत पाई गई इनके खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट तथा अन्य आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय दाखिल किया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा स्वीकृत क्लोजर रिपोर्ट के विरुद्ध सत्र न्यायलय मे निगरानी प्रस्तुत किया गया जिसमें नामजद अभियुक्त राकेश जायसवाल के खिलाफ षड्यंत्र करके मुकदमा के वादी उस्मान अली ने कुटरचित जाली दस्तावेज न्यायालय में पेश करके कार्रवाई की मांग की और इसमें सफल भी हो गए राकेश जायसवाल के विरुद्ध पुनः जांच का आदेश न्यायालय ने दे दिया इसी बीच अधिवक्ता विकाश शाक्य को मामले में अधिवक्ता नियुक्त किया गया । जब पत्रावली का अध्ययन किया तो वादी उस्मान अली की कुटरचना पकड़ी गई राकेश जायसवाल की ओर से अधिवक्ता विकास शाक्य ने 340 दंड प्रक्रिया संहिता की याचिका सत्र न्यायालय में जांच के लिए प्रस्तुत किया। न्यायालय में जांच के दौरान उस्मान अली को दोषी पाया गया और झूठा साक्ष्य प्रस्तुत करने पर 193 वह 199 भादवि में परिवाद प्रस्तुत किया चुकि कूटरचना न्यायालय के बाहर की गई है इसलिए अन्य कार्रवाई इस न्यायालय के क्षेत्राधिकार में नहीं होने की बात कही तब राकेश जयसवाल की ओर से अधिवक्ता विकाश् शाक्य ने मुख्यन्ययिक मजिस्ट्रेट के समक्ष 156(3) दंड प्रक्रिया संहिता में उस्मान अली पर जालसाजी करने एवं कूटरचना करके झूठे कागजात न्यायालय मे प्रस्तुत करने से सम्बन्धित याचिका प्रस्तुत किया जिस पर न्यायालय ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। न्यायालय के आदेश पर उस्मान अली के विरुद्ध धारा 420 467 468 471 भा द वि का मुकदमा दर्ज होकर विवेचना रिपोर्ट न्यायालय मे दाखिल किया गया ।सिविल जज जूनियर डिवीजन ने मामले का प्रसंज्ञान लेते हुए अभियुक्त उस्मान अली को उपस्थित होने के लिए संबंध मे आदेशिका जारी किया इस पर न्यायालय को पुनः गुमराह करते हुए प्रथम सूचना रिपोर्ट पर माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद से मिले गिरफ्तारी की राहत का सहारा लेते हुए कार्यवाही को स्थगित करने की याचना की उधर अधिवक्ता विकाश शक्या ने अभियुक्त को गिरफ्तार करने का आदेश जारी करने का प्रार्थना पत्र दिया। सिविल जज जूनियर डिवीजन यादवेंद्र सिंह की अदालत ने आज सुनवाईपूर्ण कर अभियुक्त उस्मान अली को गिरफ्तार करने का अधिपत्र जारी करने का आदेश दिया है।