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रुद्रपुर: कैबिनेट मंत्री बहुगुणा उड़ा रहे आचार संहिता की धज्जियां !अपनी ही सरकार के मंत्री पर भाजपा नेता ने उठाए सवाल, राजनीतिक घमासान के बीच पंचायत चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल


रुद्रपुर। जैसे-जैसे पंचायत चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे सियासी तापमान भी बढ़ता जा रहा है। ऊधम सिंह नगर में जिला पंचायत अध्यक्ष पद को लेकर भी सरगर्मियां तेज हो चुकी है। पंचायत चुनाव में सबसे अहम पद को लेकर सियासी घमासान सरकार के कैबिनेट मंत्री तक पहुंच चुका है। सितारगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक और कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का गंभीर आरोप लगा है, वो भी उन्हीं की पार्टी के वरिष्ठ नेता सुरेश गंगवार की ओर से।

पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रेनू गंगवार के पति भाजपा नेता सुरेश गंगवार ने मंत्री बहुगुणा पर चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने का आरोप लगाते हुए राज्य निर्वाचन आयोग और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने कहा कि मंत्री बहुगुणा सरकारी तामझाम, गनर के साथ ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं, जिससे स्पष्ट रूप से आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा है।

सुरेश गंगवार ने आरोप लगाया है कि मंत्री बहुगुणा अपने प्रभाव का उपयोग कर पंचायत चुनावों में अपने ही विभाग के अधिकारियों की तैनाती करा रहे हैं। उन्होंने मत्स्य विभाग के अधिकारी संजय छिम्वाल को इसका उदाहरण बताया, जिन पर पहले से ही विजिलेंस जांच लंबित है, फिर भी उन्हें सितारगंज विकासखंड का आरओ (रिटर्निंग ऑफिसर) बना दिया गया है। सुरेश गंगवार का कहना है कि संबंधित अधिकारी मंत्री के प्रभाव में काम करते हैं और निष्पक्ष चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने मांग की है कि ऐसे सभी अधिकारियों को तत्काल हटाया जाए जो मंत्री के विभाग से जुड़े हैं और जिनकी नियुक्ति सितारगंज व रुद्रपुर विकासखंड में चुनावी कार्यों में की गई है।

सुरेश गंगवार ने मंत्री बहुगुणा पर पहले भी चुनावी धांधली में शामिल होने का आरोप लगाया। उन्होंने 2008 के जिला पंचायत चुनाव और हाल ही में हुए नगर निकाय चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि उस समय भी मंत्री द्वारा अधिकारियों पर दबाव बनाकर चुनाव परिणाम प्रभावित किए गए थे। उन्होंने दावा किया कि मंत्री बहुगुणा ने नगर निकाय चुनाव में दुग्ध संघ के एक अधिकारी को मतगणना ड्यूटी पर तैनात कराकर निर्दलीय प्रत्याशी को हरवाया उनके मुताबिक, मतगणना स्थल पर मंत्री की सरकारी गाड़ियों, गनर्स के साथ मौजूदगी की वीडियो फुटेज भी मौजूद है।

ज्ञापन में सुरेश गंगवार ने जिला पंचायत सदस्य क्षेत्रों में आरक्षण निर्धारण में भी गड़बड़ी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में अनुसूचित जाति की जनसंख्या अधिक है, उन्हें सामान्य घोषित कर दिया गया, जबकि कम अनुसूचित जाति आबादी वाले क्षेत्र को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया उन्होंने इस फैसले को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में याचिका भी दायर की है, जिसकी सुनवाई 24 जून को होनी है।

सुरेश गंगवार ने चेताया है कि यदि समय रहते मंत्री बहुगुणा के हस्तक्षेप पर रोक नहीं लगाई गई और चुनावी प्रक्रिया में तैनात संदिग्ध अधिकारियों को हटाया नहीं गया, तो वे इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय की शरण लेंगे पूरा मामला न केवल चुनाव आयोग और प्रशासन के लिए चुनौती बनकर उभरा है, बल्कि भाजपा की अंदरूनी राजनीति को भी उजागर कर रहा है। जिस तरह से एक सत्ताधारी पार्टी के वरिष्ठ नेता ने अपने ही मंत्री पर गंभीर आरोप लगाए हैं, उससे न केवल निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े हुए हैं, बल्कि सत्ता के दुरुपयोग की संभावनाएं भी उजागर हुई हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन और चुनाव आयोग इस गंभीर मामले में कितनी तत्परता से कार्रवाई करता है, और क्या मंत्री बहुगुणा पर लग रहे आरोपों की निष्पक्ष जांच हो पाती है या नहीं।।

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