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अमेठीः ग्रामीण पत्रकारिता को बनाए रखना आज की सबसे बड़ी सामाजिक जरूरत- वक्ता


अमेठी। तेजी से बदलते मीडिया परिदृश्य में ग्रामीण पत्रकारिता के सामने सबसे बड़ी चुनौती उसकी विश्वसनीयता को बनाए रखना है। जब तक पत्रकारिता को एक मिशन के रूप में देखा गया, तब तक वह जनता की सच्ची आवाज बनी रही, लेकिन जैसे ही वह केवल एक पेशा बनकर रह गई, उसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होने लगे। इन विचारों को वक्ताओं ने गांव देहात ग्रुप व साप्ताहिक समाचार पत्र के पांचवें स्थापना दिवस पर व्यक्त किया। यह आयोजन अमहट स्थित महल रिसॉर्ट में मंगलवार को आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ स्क्वाड्रन लीडर (सेवानिवृत्त) डॉ. तूलिका रानी, डीआईजी (सेवा.) दयानंद मिश्रा और प्रोफेसर राधेश्याम सिंह ने दीप प्रज्वलन व मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर किया। आयोजक अंजनी तिवारी ने सभी अतिथियों का पुष्पगुच्छ, पौधा और प्रशस्ति पत्र भेंट कर स्वागत किया। डीआईजी (सेवा.) दयानंद मिश्रा ने ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते साइबर अपराधों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सबसे अधिक धोखाधड़ी ग्रामीणों के साथ हो रही है, जहां फर्जी कॉल करके बैंक, पुलिस या किसी अन्य सरकारी अधिकारी के नाम पर पैसे ऐंठे जा रहे हैं। उन्होंने लोगों को सतर्क रहने और संदिग्ध कॉल्स की स्थिति में तत्काल पुलिस की सहायता लेने की सलाह दी। इस मौके पर उन्होंने ग्रामीण पत्रकारिता को लोकतंत्र की असली ताकत बताया। स्क्वाड्रन लीडर (सेवानिवृत्त) डॉ. तूलिका रानी ने महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत की असली बुनियाद गांवों में रहने वाली महिलाएं हैं जो अब शिक्षा, स्वास्थ्य, सेना और विज्ञान जैसे क्षेत्रों में भी अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। शिक्षिका डॉ. बबीता सिंह और समाजसेवी गुंजन सिंह ने भी इस सत्र में अपने विचार साझा किए। गनपत सहाय पीजी कॉलेज के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर राधेश्याम सिंह ने वर्तमान पीढ़ी की डिजिटल लत पर चिंता जताते हुए कहा कि आज गांवों के युवा रील्स में उलझते जा रहे हैं और वास्तविकता से कट रहे हैं, जबकि पत्रकारों की जिम्मेदारी है कि वे गांव की चेतना को जीवित रखें। वरिष्ठ पत्रकार सत्यदेव तिवारी ने कहा कि जब पत्रकारिता एक मिशन थी तब जनता उसे भगवान मानती थी, लेकिन अब पेड न्यूज ने उसकी साख को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने ग्रामीण पत्रकारों से आग्रह किया कि वे मिशन की भावना को जीवित रखें। गनपत सहाय पीजी कॉलेज के प्रवक्ता अरविंद चतुर्वेदी ने कहा कि ग्रामीण पत्रकारिता बेहद चुनौतीपूर्ण है और इसमें संवेदनशीलता व सामाजिक प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है क्योंकि ग्रामीण जनता जब अन्यत्र न्याय नहीं पाती, तो पत्रकारों की ओर देखती है। कार्यक्रम के दौरान मेधावियों, प्रगतिशील किसानों और आत्मनिर्भर महिलाओं को सम्मानित किया गया। सीबीएसई बोर्ड की कक्षा 10 की परीक्षा में 99 प्रतिशत अंक लाकर अवध रीजन में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली अदीबा खुर्शीद तथा बारहवीं में जिले में 97.8 प्रतिशत अंक लाने वाले मोहम्मद शादाब को प्रशस्ति पत्र और पौधा भेंट कर सम्मानित किया गया। यूपी बोर्ड में ग्रामीण अंचल की दसवीं टॉपर दिशा यादव और बारहवीं की छात्रा करुणा बौद्ध को भी अतिथियों द्वारा सम्मान प्रदान किया गया। प्रगतिशील किसान जमील अहमद और सोहेल अहमद को कृषि क्षेत्र में योगदान के लिए सम्मान मिला, वहीं सुमन पांडेय और सरिता यादव को आत्मनिर्भर महिला के रूप में सम्मानित किया गया। आयोजन में अमेठी, सुल्तानपुर जिले से अनेक गणमान्य नागरिक, पत्रकार और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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