सोनिया गांधी की अब कैसी है तबीयत? अस्पताल ने जारी किया हेल्थ बुलेटिन
June 17, 2025
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी पेट से जुड़ी समस्याओं के कारण सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती हैं। उनकी सेहत में अब सुधार दिख रहा है। उनकी हालत स्थिर है। हालांकि, अस्पताल ने मंगलवार को बताया कि उन्हें छुट्टी मिलने की तारीख अभी तय नहीं की गई है।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष 78 वर्षीय सोनिया गांधी को रविवार शाम को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल के चेयरमैन अजय स्वरूप ने एक बयान में कहा, "उनकी हालत स्थिर है और उन पर इलाज का अच्छा असर हो रहा है। वह पेट के संक्रमण से उबर रही हैं।" उन्होंने आगे कहा, "उनके खान-पान पर कड़ी नजर रखी जा रही है और वह निगरानी में हैं। एहतियात के तौर पर उनकी छुट्टी की तारीख अभी तय नहीं की गई है।" डॉक्टर एस नंदी और डॉ अमिताभ यादव की एक टीम उनकी सेहत और खान-पान पर बारीकी से नजर रख रही है।
बता दें कि सोनिया गांधी ने 9 जून को इसी अस्पताल में चिकित्सा जांच कराई थी। इससे दो दिन पहले, उच्च रक्तचाप की शिकायत के बाद उन्होंने शिमला में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में कुछ जांचें भी कराई थीं। सर गंगा राम अस्पताल में उन्हें 'गैस्ट्रोएंटरोलॉजी' विभाग में भर्ती कराया गया।
बता दें कि सोनिया गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष रही हैं। वह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पत्नी हैं। सोनिया गांधी का जन्म 9 दिसंबर 1946 को लुसियाना, वेनेटो क्षेत्र, इटली में हुआ था। उनका बचपन ओरबसानो में बीता और उन्होंने कैम्ब्रिज, इंग्लैंड में अंग्रेजी का अध्ययन किया, जहां उनकी मुलाकात राजीव गांधी से हुई। 1968 में उन्होंने राजीव गांधी से शादी की और भारत आ गईं। शादी के बाद उन्होंने भारतीय नागरिकता ली।
1991 में अपने पति राजीव गांधी की हत्या के बाद उन्हें कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व करने के लिए आमंत्रित किया गया, लेकिन उन्होंने पहले मना कर दिया। बाद में, 1997 में उन्होंने सक्रिय राजनीति में एंट्री ली और 1998 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रही हैं। 1998-2017 और फिर 2019-2022 तक अंतरिम अध्यक्ष रहीं। उनके नेतृत्व में, कांग्रेस पार्टी ने 2004 और 2009 के आम चुनावों में जीत हासिल की और UPA सरकार का गठन किया। 2004 में कांग्रेस की जीत के बाद सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री पद स्वीकार करने से मना कर दिया और इसके बाद स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह को इस पद के लिए चुना गया।