बाराबंकीः सराही झील को मिलेगा नया जीवन, बनेगा पक्षी विहार ,पर्यटन को मिलेगा नया पंख
June 17, 2025
रामसनेहीघाट/ बाराबंकी। दरियाबाद विधानसभा क्षेत्र की सराही झील अब सिर्फ एक झील नहीं, बल्कि एक सपनों की तस्वीर बनने जा रही है। वर्षों से उपेक्षित पड़ी यह झील अब जलीय जैव विविधता पार्क और पक्षी विहार के रूप में विकसित की जाएगी। वन विभाग की टीम ने हाल ही में झील का स्थलीय निरीक्षण कर डीएफओ को विस्तृत रिपोर्ट भेज दी है, जिससे विकास की राह अब लगभग स्पष्ट हो चुकी है।सराही झील की यह यात्रा केवल पानी के जमाव या पुलिया निर्माण की तकनीकी प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह उन उम्मीदों की कहानी है जो इस क्षेत्र के लोगों की आंखों में वर्षों से पल रही थीं। 40 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली इस झील का महत्व न केवल पारिस्थितिकीय है, बल्कि यह सांस्कृतिक और भावनात्मक रूप से भी लोगों से जुड़ी है।झील को लेकर ईको टूरिज्म की संभावना पर वर्षों से चर्चा चल रही थी, पर अब वह केवल कागजों तक सीमित नहीं रही। रामसनेहीघाट तहसील क्षेत्र के टिकैतनगर मार्ग पर स्थित इस झील को जीवंत बनाने की दिशा में प्रशासन ने ठोस कदम बढ़ा दिए हैं।झील में साइबेरियन पक्षियों का आगमन और उनकी कलरव से गूंजता वातावरण अब नजदीकी भविष्य का दृश्य बन सकता है। स्थानीय निवासी इसे सिर्फ विकास नहीं, एक गौरव की अनुभूति मानते हैं।
26 जनवरी 2020 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में सराही झील का विशेष उल्लेख किया था, तो यह झील देशभर में चर्चा का विषय बन गई थी। इसके बाद से इस झील के संरक्षण और संवर्धन को लेकर गंभीर प्रयासों की मांग उठी थी। अब जाकर यह सपना साकार होता दिख रहा है।
झील पर योजना बन रही है कि इसे जैव विविधता पार्क और पक्षी विहार के रूप में सजाया-संवारा जाए। सहायक वन रेंज अधिकारी रामनगर, मोहित श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि झील के विकास की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर डीएफओ को भेजी जा चुकी है। अब इसका क्रियान्वयन प्रारंभ होने की उम्मीद है।
झील के कायाकल्प की खबर सुनकर स्थानीय लोगों के चेहरे खिल उठे हैं। वर्षों से उपेक्षा झेल रही यह झील अब न केवल प्रवासी पक्षियों का घर बनेगी, बल्कि ग्रामीण पर्यटन, रोजगार और पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी मील का पत्थर साबित होगी।अब सराही झील सिर्फ एक जगह नहीं, एक पहचान बनेगी । जहाँ प्रकृति, पक्षी और पर्यटक मिलकर रचेंगे एक नई कहानी।