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शाहबाद: जरीदृजरदोजी और आबाया कारीगरी देखकर हैरान रह गईं तीन देशों की राजदूत


रामपुर। जरीदृजरदोजी और आबाया कारीगरी देखकर तीन देशों की राजदूत हैरान रह गईं। भारत में लक्जमबर्ग की राजदूत पैगी फ्रांत्जेन, चेक गणराज्य की राजदूत एलिस्का जिगोवा और रिपब्लिक ऑफ एस्टोनिया की राजदूत मार्जे लूप ने रामपुर में होने वाले जरी जरदोजी और अबाया तैयार किए जाने की प्रक्रिया का जायजा लिया। इसके लिए तीनों राजनयिक रविवार को बिलासपुर गेट स्थित शन्नू खान के कारखाने पहुंचीं और इस कार्य के हुनरमंदों से मुलाकात की।

पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां के आमंत्रण पर रामपुर आईं तीन देशों की राजदूत रविवार को स्थानीय जरी जरदोजी कारीगरों और आबाया निर्यातक से रूबरू हुईं। नवेद मियां ने राजनयिकों को बताया कि भारत में प्राचीनकाल से ही लोकप्रिय जरी जरदोजी अब दुनियाभर में फैशन जगत में प्रमुख रूप ले चुकी है। पहले इसे शाही परिधानों में ही प्रयोग किया जाता था, लेकिन अब सभी परिधानों में कढ़ाई का प्रयोग हो रहा है। रामपुर ऐसा शहर है, जहां यह कार्य प्रमुख रूप से होता है और अब जरी जरदोजी के जरिये यहां तैयार अबाया दुनियाभर के मुस्लिम देशों में बिक रहे हैं।

राजनयिकों ने हुनरमंदों की प्रशंसा की और अपने देशों में भी रामपुरी हुनर के प्रमोशन की बात कही। इससे पूर्व राजदूतों ने रजा लाइब्रेरी का दौरा किया। लाइब्रेरी में उन्होंने हामिद मंजिल की भव्यता को सराहा और पूर्व सांसद बेगम नूरबानो को दहेज में मिले लोहारु कलेक्शन को भी देखा। हालांकि, राजनयिक लाइब्रेरी का मूल संग्रह नहीं देख सकीं। लघुचित्र, पाण्डुलिपियाँ, ग्रंथ और पेंटिग्स लाइब्रेरियन न होने के बहाने सील किये गए कमरों में बंद हैं।

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