लखनऊः एलडीए की सीलिंग यानी जेई और पुलिस की कमाई
June 17, 2025
लखनऊ । राजधानी लखनऊ में एलडीए द्वारा अवैध निर्माण को सील तो कर रहा है, पर क्या यह सीलिंग प्रक्रिया वास्तव में अवैध निर्माणकर्ताओं के लिए पाबंदी लगाने में सफल है?, या एलडीए के जेई और संबंधित क्षेत्र के पुलिस की कमाई का एक रास्ता है।
राजधानी के ज्यादातर क्षेत्रों में यह देखने को मिला है की अवैध निर्माण को एलडीए द्वारा सील तो किया गया है और यह कैसी सीलिंग है जिसमें बाहर सीलिंग लिखा है और अंदर कार्य जारी है?। संबंधित क्षेत्र के जेई से अगर पूछा जाए तो उनका सीधा कहना होता है कि इसकी सूचना पुलिस को दी गई है पुलिस इस पर कार्यवाही करे और यदि अगर संबंधित क्षेत्र के पुलिस से पूछा जाए तो उनका कहना है होता है हम क्या करें एलडीए कार्यवाही करे...। ऐसा कर के वे कार्यवाही की पोटली एक दूसरे पर थोप देते हैं और अवैध निर्माणकर्ताओं को अच्छा मौका मिल जाता है। पर क्या वाकई में सीलिंग प्रक्रिया पर एलडीए एवं पुलिस सक्रिय हैं। राजधानी लखनऊ के ज्यादातर क्षेत्रों में पुलिस और एलडीए की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं?
यदि अगर अवैध निर्माण पर एलडीए की सीलिंग है तो इसे साफ तौर पर कहा जा सकता है कि संबंधित क्षेत्र के एलडीए परिवर्तन के जेई साथ पुलिस की अच्छी कमाई हो रही है। चूंकि सीलिंग जैसी प्रक्रिया अवैध निर्माण पर कार्य रोकने के लिए है, जिसमें समय दिया जाता है कागजात एलडीए में जमा करें, ना की उन्हें कुछ समय के लिए रोकने और बाद में फिर कार्य जारी रखने के लिए। यदि अगर अवैध निर्माण भवनों में कार्य हो रहा है और मानकों के बिल्कुल विपरीत है, तो यही प्रक्रिया दोस्ती करण में भी तब्दील होती है। पर अफसोस है कि सीलिंग होने पर भी निर्माण कार्य जारी हैं। शिकायत करने पर संबंधित क्षेत्र के जेई निरीक्षण करने को तो छोड़िए, सुना भी पसंद नहीं करते। वहीं अगर पुलिस से शिकायत हो तो उनका कहना होता है कि एलडीए की जिम्मेदारी है हमारी नहीं हम तो क्राइम देखते हैं.....। अभी हाल ही में एलडीए द्वारा फर्जी आईजीआरएस को बताते हुए कईयों पर एफआईआर की गई, पर क्या की गई शिकायत वाकई में जायज है या नहीं, इसके लिए कोई जांच नहीं की गई। संबंधित क्षेत्रों में सीलिंग होते हुए अगर निर्माण कार्य जारी हैं, तो साफ तौर कहा जा सकता है कि एलडीए के जेई और संबंधित क्षेत्र की पुलिस की मिलीभगत से अवैध निर्माणकर्ताओं के हौसले बुलंद है।