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हम कोई संदेश नहीं देंगे सीधे खबर देंगे-उद्धव ठाकरे


शिवसेना (UBT) और महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (MNS) के बीच गठबंधन की सुगबुगाहट के बीच शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने गठबंधन की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर कहा कि महाराष्ट्र की जनता जो चाहेगी वही होगा, हम कोई संदेश नहीं देंगे सीधे खबर देंगे।

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर बड़ा बदलाव होने के आसार नजर आ हैं। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में यहां भारतीय जनता पार्टी सबसे ज्यादा सीटें जीतने में कामयाब रही थी और ठाकरे परिवार बड़ा प्रभाव नहीं डाल पाया था। ऐसे में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक बार फिर साथ नजर आ सकते हैं। राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी के नेता लगातार दोनों नेताओं के साथ आने को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं। इसी कड़ी में अब उद्धव ठाकरे का भी बयान सामने आया है।

इससे पहले राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे ने उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के साथ आने के सवाल पर कहा कि राज और उद्धव दोनों भाई आपस में बात करेंगे तभी बात बनेगी। दोनों एक दूसरे को फोन कर बात करें तभी गठबंधन संभव है। मीडिया में बयानबाजी से काम नहीं होगा। अमित ठाकरे ने कहा "आप जो दो भाई की बात कर रहे हैं, मेरा कहना इतना ही है कि उन दोनों भाइयों को एक दूसरे को कॉल करना चाहिए। मेरे कहने से कुछ नहीं होगा। दोनों साथ आते हैं तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है। 2014/2017 और कोविड के समय में दोनों साथ आ चुके हैं। हमने देखा कि राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे को फोन किया था और कहा था कोविड जैसी भीषण विपदा में हम सरकार के साथ हैं। इसलिए उन दोनों को बातचीत करनी चाहिए। मीडिया के सामने बयानबाजी करने से गठबंधन नहीं होता है। दोनों के पास एक दूसरे के फोन नम्बर हैं, दोनों बात करें।"

वहीं महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के नेता प्रकाश महाजन ने कहा कि अगर शिवसेना (UBT) दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर वाकई गंभीर है तो उसके नेता आदित्य ठाकरे को आगे आकर राज ठाकरे से मिलना चाहिए। महाजन ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता वाली शिवसेना यूबीटी में ‘‘उचित’’ कद के किसी नेता को संभावित गठबंधन पर चर्चा के लिए मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के पास जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसी जूनियर नेता को बातचीत के लिए भेजा जाता है तो राज ठाकरे भी किसी जूनियर पदाधिकारी को भेजेंगे। उन्होंने कहा, अगर गठबंधन करना है तो आदित्य ठाकरे को आगे आना चाहिए और राज साहेब के विचारों को समझना चाहिए। अगर आदित्य ठाकरे बातचीत के लिए आगे आते हैं तो दोनों पक्ष गंभीरता को समझेंगे। मराठी लोगों में एक साथ आने की भावना है।’’इसकी शुरुआत आदित्य ठाकरे के बयान से हुई थी। उन्होंने कहा था कि अगर कोई महाराष्ट्र के हितों की रक्षा के लिए साथ आना चाहता है तो ‘‘हम भी उन्हें साथ लेकर चलेंगे।’’

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