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ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने कर ली बड़ी तैयारी: बनाए जाएंगे स्पेशल व्हीकल


ऑपरेशन सिंदूर के बाद से पाकिस्तान से चल रही तनातनी के बीच DRDO ने न्यूक्लियर लीक का पता लगाने वाले बेहद खास सीबीआरएन रेकी व्हीकल के निर्माण के लिए सरकारी कंपनी भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड (BEL) से करार किया है.

डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) की महाराष्ट्र के अहिल्यानगर स्थित वाहन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (VRDE) ने इस कैमिकल बाइलोजिकल, रेडियोलॉजिकल एंड न्युक्लियर (CBRN) टोही वाहन एमके-2 को विकसित किया है. रविवार को वीआरडीई ने बीईएल से सीबीआरएन व्हीकल की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर करार किया ताकि सीबीआरएन रेडिएशन का पता लगाने वाले इन खास वाहनों का बल्क में प्रोडक्शन किया जाए. इस दौरान डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ. समीर वी कामत भी मौजूद थे.

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान के न्यूक्लियर-ब्लफ को पूरी तरह एक्सपोज कर दिया था. किसी भी बड़ी आतंकवादी घटना को अंजाम देने के बाद पाकिस्तान हमेशा भारत का परमाणु-घुड़की देता था. ऐसा इसलिए कि भारत कहीं पाकिस्तान पर कोई बड़ा हमला न कर दे. लेकिन पहलगाम हमले के बाद भारत के सब्र का बांध टूट गया.

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान के जिन 11 एयरबेस पर अटैक किए, उनमें नूर खान और सरगोधा (किराना हिल्स) भी शामिल थे. इन दोनों एयरबेस को पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के स्टोरज के तौर पर माना जाता है. इन दोनों एयरबेस पर हमला कर भारत ने पाकिस्तान के न्यूक्लियर कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है. ऐसे में सीबीआरएन-रेकी व्हीकल का बड़ी संख्या में निर्माण बेहद खास माना जा रहा है

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सीबीआरएन व्हीकल के साथ-साथ वीआरडीई ने कुल 9 रक्षा-प्रणालियों को तैयार कर डिफेंस कंपनियों को सौंपा है ताकि उनका बल्क-प्रोड्कशन किया जा सके. इनमें माउंटेडन गन सिस्टम यानी ट्रक पर तोप भी शामिल है जिसका करार पुणे की भारत फोर्ज (पुणे) प्राइवेट कंपनी से किया गया है.

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