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बलियाः ब्राम्हण कुल में पैदा होने के कारण आजादी के प्रथम नायक मंगल पांडेय को 78 साल बाद किया गया उपेक्षित! आरएलडी के राष्ट्रीय सचिव अनुपम मिश्र ने मंगल पांडेय को भारतरत्न देने की मांग की


बलिया। भारतीय जनता पार्टी के एलायंस पार्टी आरएलडी के राष्ट्रीय सचिव अनुपम मिश्र ने देश के आजादी के पहले नायक मंगल पांडेय को भारत रत्न देने की मांग की है। बताया कि मंगल पांडेय के परिवार को यह टीस है कि ब्राम्हण कुल का होने के कारण मंगल पांडेय देश को आजादी मिलने के 78 साल बाद भी उपेक्षित किए जा रहे हैं। यह बात उनके परिजनों से पता चला है, जो सही प्रतीत हो रहा है। देश के प्रथम शहीद मंगल पांडेय का ब्राह्मण कुल में पैदा होने के चलते सरकारों ने भेद भाव किया है। सिर्फ मंगल पांडेय ही नहीं, बल्कि शहीद चंद्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल्लाह के शहीद स्मारक की दुर्दशा भी ऐसी ही है। अनुपम मिश्र ने कहा की वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर मंगल पांडेय को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग के साथ साथ प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मंगल पांडेय का बलिया में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा लगाने की मांग करेंगे।

राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय सचिव अनुपम मिश्र अमर शहीद सम्मान यात्रा लेकर बलिया पहुंचे थे। वह देश के आजादी के पहले नायक मंगल पांडेय की जन्म भूमि नगवा पहुंचे। उन्होंने आज जिला मुख्यालय पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए मंगल पांडेय को भारत रत्न देने की मांग की है। राष्ट्रीय लोकदल नेता ने कहा श् नगवा जाकर मन दुखित हुआ कि उनके गांव और परिवार की दुर्दशा ऐसी है। स्मारक के नाम पर एक चहारदीवारी है। इसमें लंबी - लंबी घुटनों तक घास लगी हुई है। ये बहुत दुःख का विषय है कि आज आजादी के इस महानायक, जिसने हिंदुस्तान को आजाद कराने का पहला बिगुल बजाया की जन्मभूमि और कर्मभूमि की इतनी दुर्दशा है। सरकारों ने कहीं न कहीं उपेक्षा किया है। उनके परिवार से यह टीस मिली कि शायद हम लोग ब्राम्हण कुल में पैदा हुए , इसलिए सरकारों ने ऐसा भेदभाव किया। ऐसी ही दुर्दशा चंद्रशेखर आजाद के परिवार और स्मारक की भी है। ऐसी ही दुर्दशा राम प्रसाद विस्मित की भी है। मैं वापस लौटूंगा तब मुख्यमंत्री से बात करूंगा। प्रधानमंत्री को भी इस बात के लिए पत्र लिख रहा हूं। उम्मीद है कि मेरी बात सुनी जाएगी, क्योंकि हम सरकार के अंग हैं।श् उन्होंने मांग किया है कि मंगल पांडेय को भारत रत्न का सम्मान दिया जाना चाहिए , जो भारत रत्न का सम्मान होगा। इसके साथ ही मंगल पांडेय की विश्व में सबसे ऊंची प्रतिमा बलिया में स्थापित किया जाए, क्योंकि उनका कद हिंदुस्तान के किसी भी सेनानियों से कहीं ऊंचा है। यदि उन्होंने हिन्दुस्तान की आजादी का पहला बिगुल नहीं फूंका होता तो न गांधी , नेहरू , टैगोर होते और न अम्बेडकर और लोहिया होते। सवाल यह है कि आजादी के 78 साल क्यों लग गए मंगल पांडेय का सम्मान करने में।

उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कई जिलों में फसलों का हवाई सर्वेक्षण किए जाने की सोमवार को आलोचना करने और इस बयान कि उनमें नाराज किसानों का सामना करने का साहस नहीं है। प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि अखिलेश यादव के मुंह से किसानों की बात अच्छी नहीं लगती है।

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