35 साल की उम्र में ब्रेस्ट कैंसर से झुलसी ये एक्ट्रेस, चंद महीनों में टूट गई शादी
June 12, 2025
बाहर से चमक-धमक और भीतर से जद्दोजहद, यही दो चीजें अक्सर एक सेलिब्रिटी की जिंदगी का सच होती हैं। उनके मुस्कराते चेहरे के पीछे कई कहानियां छिपी होती हैं, कभी संघर्ष की, कभी दर्द की और कभी न टूटने वाली हिम्मत की। ऐसी ही कहानी है साउथ की मशहूर अभिनेत्री गौतमी तड़ीमल्ला की। एक ऐसी अदाकारा, जिसने किशोरावस्था में कैमरे का सामना करना शुरू किया और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा, लेकिन जिस जिंदगी को दुनिया ने सिर्फ स्क्रीन पर चमचमाते देखा, लेकिन इस ग्लैमर के साये में एक जंग भी चल रही थी, जिंदगी और मौत के बीच, हिम्मत और हालात के बीच।
गौतमी ने सिर्फ 16 साल की उम्र में फिल्म 'धायामयादु' (1987) से सिनेमा की दुनिया में कदम रखा। शुरुआत तो तमिल फिल्म से हुई, लेकिन जल्द ही उन्होंने तेलुगु और कन्नड़ इंडस्ट्री में भी अपनी छाप छोड़ी। उनकी पहली तमिल फिल्म 'गुरु शिष्यन' थी, जिसमें वे रजनीकांत के साथ नजर आईं। गौतमी का करियर किसी दौड़ से कम नहीं था, एक दिन में तीन-तीन शिफ्ट्स, लगातार शूटिंग और आठ सालों में 120 से ज्यादा फिल्में। उनका समर्पण ही था कि वे अपूर्वा सहोदरगल, राजा चिन्ना रोजा, धर्मदुरई, थेवर मगन जैसी फिल्मों का हिस्सा बनीं, लेकिन असली पहचान उन्हें मिली जब उन्होंने कमल हासन के साथ 'पापनासम' में काम किया। उनकी भावनात्मक गहराई और स्क्रीन प्रजेंस ने साबित कर दिया कि वे सिर्फ एक ग्लैमरस अदाकारा नहीं, बल्कि एक संजीदा कलाकार भी हैं।
स्टारडम की रौशनी के पीछे एक अंधेरा भी छिपा था। 35 साल की उम्र में गौतमी को ब्रेस्ट कैंसर हो गया। ये वो समय था जब वह अपने करियर के चरम पर थीं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। बीमारी से लड़ीं और बहादुरी से वापसी की। कैंसर की ये लड़ाई उन्हें केवल शारीरिक ही नहीं, मानसिक और आत्मिक रूप से भी बदल गई। गौतमी की निजी जिंदगी भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं रही। साल 1998 में उन्होंने व्यवसायी संदीप भाटिया से शादी की और एक प्यारी सी बेटी की मां बनीं। मगर यह रिश्ता ज्यादा लंबा नहीं चला। एक साल में ही दोनों अलग हो गए।
इसके बाद 2005 में उनकी जिंदगी में कमल हासन आए। दोनों का रिश्ता एक दशक से ज्यादा चला और लंबे समय तक वे एक-दूसरे के साथ रहे, लेकिन 2016 में गौतमी ने अपने ब्लॉग के जरिए यह घोषणा की कि उन्होंने कमल हासन से अपने रास्ते अलग कर लिए हैं। अभिनेत्री से नेता बनने तक, गौतमी ने जिंदगी को हर रूप में जिया। वो एक कलाकार रहीं, एक मां रहीं, एक योद्धा रहीं और हर मोड़ पर उन्होंने खुद को साबित किया। उनकी कहानी यही कहती है, स्टार्स भी टूटते हैं, लेकिन फिर भी चमकते हैं।