साउथ अफ्रीका के पास सुनहरा मौका, आईसीसी ट्रॉफी के साथ 113 साल का बदला भी होगा पूरा
June 11, 2025
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के बहाने साउथ अफ्रीका के पास एक सुनहरा मौका है, जिसे अगर भुना लिया गया तो ना केवल टीम लंबे समय बाद आईसीसी खिताब जीत जाएगी, बल्कि 113 साल पुराने बदले को भी पूरा कर लेगी। टेम्बा बावुमा की कप्तानी में टीम इतिहास रचने के काफी करीब है। हालांकि सामने ऑस्ट्रेलिया की बड़ी और कड़ी चुनौती है, जिससे पार पाना आसान नहीं है।
आईसीसी डब्ल्यूटीसी का फाइनल साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच है। ये मुकाबला इंग्लैंड के लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर खेला जाएगा। अक्सर कम ही ऐसा देखने को मिलता है कि टेस्ट में जब दो टीमें आमने सामने हों तो वेन्यू न्यूट्रल हो। वनडे और टी20 इंटरनेशनल में तो अक्सर ऐसा होता है। खास बात ये है कि ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका की टीमें न्यूट्रल वेन्यू पर अब तक टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में तीन ही बार आमने सामने आई हैं। इसमें से दो मैच ऑस्ट्रेलिया ने जीते हैं, वहीं एक मैच बराबरी यानी ड्रॉ पर खत्म हुआ है।
साल 1912 में तीन मैच ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका ने न्यूट्रल वेन्यू पर खेले हैं। इसमें मैनचेस्टर और लॉर्ड्स में खेले गए टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया ने जीते थे, वहीं नॉटिंघम का मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ था। लॉर्ड्स को क्रिकेट का मक्का भी कहा जाता है। भले ही अभी तक दो बार आईसीसी के फाइनल इंग्लैंड में ही हुए हों, लेकिन ये पहली बार है, जब लॉर्ड्स में डब्ल्यूटीसी का फाइनल खेला जा रहा है। लॉर्ड्स की जीत किसी भी टीम के लिए बड़ी जीत मानी जाती है, खास तौर पर अगर वो मेहमान टीम हो तो और भी ज्यादा। इस बार तो दोनों टीमें यहां की मेहमान हैं।
अगर साउथ अफ्रीका ने लॉर्ड्स में ऑस्ट्रेलिया को हरा दिया तो टीम एक तीर से दो निशाने साधेगी। पहला तो यही कि साल 1912 में मिली हार का बदला पूरा हो जाएगा। वहीं करीब 27 साल बाद साउथ अफ्रीका की टीम एक आईसीसी खिताब अपने नाम कर लेगी। साउथ अफ्रीका ने साल 1998 में आईसीसी नॉकआउट टूर्नामेंट जीता था, इसके बाद से लेकर अब तक टीम खिताब जीतने के मुहाने तक पहुंची, लेकिन ऐनवक्त पर चूक जा रही है। अब मौका है कि आईसीसी खिताब के सूखे को खत्म किया जाए। आज यानी बुधवार को तो पहला दिन है, देखना होगा कि दोनों टीमें कैसा प्रदर्शन इस दौरान करती हैं।