ऑपरेशन सिंदूर: विदेश दौरे पर जाने की तैयारी में प्रतिनिधिमंडल, कांग्रेस विधायक ने शशि थरूर को लिखा पत्र
May 21, 2025
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद, अलग-अलग राजनीतिक दलों के प्रतिनिधिमंडल को विदेशों के दौरे पर भेजा जा रहा है। भारत अब पाकिस्तान की आतंकवाद के मुद्दे पर अलग-थलग करने जा रहा है। भारत का ये प्रतिनिधिमंडल विदेशों में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और उपलब्धियों का विवरण देंगे और पाकिस्तान में पनप रहे आतंकवाद की जानकारी साझा करेंगे। इस बीच भोपाल से कांग्रेस पार्टी के विधायक आरिफ मसूद ने सांसदों के प्रतनिधिमंडल को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में विजय शाह को निलंबित करने या हटाने के मामले में केंद्र सरकार से उचित निर्देश लें।
आरिफ मसूद ने अपने पत्र में लिखा, "शशि थरूर जी, जैसा कि आप ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद पर भारत की स्थिति को स्पष्ट करने के लिए सर्वदलीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने की तैयारी कर रहे हैं। मैं आपका ध्यान एक गंभीर चिंता की ओर आकर्षित करना चाहता हूं, जो अंतरराष्ट्रीय मीडिया के साथ आपकी बातचीत के दौरान उभर सकती है। हाल ही में, मध्य प्रदेश के एक कैबिनेट मंत्री, विजय शाह, जो सत्तारूढ़ भाजपा पार्टी से संबंधित हैं, ने कर्नल सोफिया कुरैशी को "आतंकवादी की बहन" कहकर घृणा से भरा अपमानजनक बयान दिया है।"
आरिफ मसूद ने आगे लिखा, "मध्य प्रदेश राज्य ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित उच्च न्यायालय को भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों और विभिन्न समुदायों के बीच घृणा और दुश्मनी को बढ़ावा देने वाले कृत्यों के लिए एफआईआर दर्ज करने का निर्देश जारी करके स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करनी पड़ी। यहां तक कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द करने पर सहमति नहीं जताई है, लेकिन फिर भी मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने मंत्री को हटाने या उन्हें निलंबित करने जैसी कोई कार्रवाई नहीं की है। उक्त मंत्री अभी भी पद पर बने हुए हैं।"
आरिफ मसूद ने आगे लिखा कि उपरोक्त पृष्ठभूमि में, जहां एक मंत्री ने एक सैन्य अधिकारी को "आतंकवादी की बहन" कहा है और राज्य ने कोई कार्रवाई नहीं की है, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और मीडिया आपके प्रतिनिधिमंडल से यह सवाल पूछ सकते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिबद्धता कितनी विश्वसनीय है, जब वे देश की सत्तारूढ़ पार्टी से संबंधित व्यक्तियों/मंत्रियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते हैं ताकि उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जा सके। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया ऐसे मुद्दों पर भारत सरकार से उचित निर्देश लें और मुझे विश्वास है कि इस मुद्दे पर आपकी अभिव्यक्ति भारत की वैश्विक छवि को मजबूत करने और हमारे साझा लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने में सहायक होगी कि हम सभी अलग-अलग जाति, पंथ और संस्कृति के बावजूद भारतीय हैं।