प्रतापगढ़ः राजस्व अधिकारियों के खिलाफ हाईकोर्ट ने दिया आपराधिक कार्यवाही करने का आदेश
May 11, 2025
प्रतापगढ़। राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी भूमि को अपने नाम कराकर उस भूमि को सरकार को बेंचकर करीब 70 लाख रुपए हड़पने के मामलें में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट द्वारा मामलें में दोषी सभी राजस्व अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही करने का आदेश दिया है।
कुंडा तहसील के महेशगंज थाना क्षेत्र के चेतरा गांव के रहने वाले सुरेश सरोज सुत महरानीदीन सरोज ने खुद को भूमिहीन एवं सरकारी भूमि पर काबिज दाखिल दिखाकर 122बी4एफ के तहत महेवामलकिया ग्राम सभा में स्थित सरकारी भूमि गाटा संख्या 7क मि. को राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से अपने नाम वर्ष 2015 में पट्टा करा लिया था जबकि वर्ष 2014 में उसके पिता महरानीदीन की मृत्यु के बाद उसके नाम वरासत हो गई थी। सुरेश के नाम पट्टा होने जाने के बाद गांव के ही बाबूलाल,सतीश आदि द्वारा आपत्ति लगाने के बाद एसडीएम न्यायालय द्वारा सुरेश के पक्ष में पारित पट्टे का आदेश स्थगित हो गया था।इस बीच वर्ष 2021 में भूमि जब गंगा एक्सप्रेसवे से आच्छादित हो गई तो सुरेश ने आपत्तिकर्ताओं एवं राजस्व अधिकारियों से मिलीभगत तथा साजिश करके सरकारी भूमि को अपने नाम करवा लिया और उसी सरकारी भूमि को गंगा एक्सप्रेसवे की कार्यदाई संस्था यूपीडा को बेंचकर सरकार से मुवाबजे के रूप में करीब 70 लाख रुपया हड़प लिया। इस बात की जानकारी जब चेतरा गांव के रहने वाले विश्व दीपक त्रिपाठी पुत्र राधेश्याम को हुई तो उन्होंने उच्चाधिकारियों से शिकायत की लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों ने कोई कार्यवाही नही किया तो उन्होंने मामलें को लेकर हाईकोर्ट इलाहाबाद की खंडपीठ लखनऊ में जनहित याचिका दायर कर दी। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि पूरी कार्यवाही बिना ग्राम सभा को सुने ही एक पक्षीय रूप से की गई है। न्यायालय ने यह भी कहा कि खुद के नाम भूमि होते हुए भी गलत बयानबाजी करके सुरेश ने सरकारी भूमि को अपने नाम करा लिया और मुवाबजे के तौर पर 70 लाख रुपए से अधिक की धनराशि को प्राप्त किया है। हाइकोर्ट ने डीएम प्रतापगढ़ को अनाधिकृत तरीके से सरकारी भूमि के सुरेश के पक्ष में हस्तांतरण करने में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ जांच करके आपराधिक कार्यवाही करने का आदेश दिया है और 26 मई के पूर्व अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद कुंडा तहसील के राजस्व अधिकारियों एवं प्रकरण में दोषी सभी अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।