जातीय जनगणना: राहुल गांधी को सीरियस मत लो, उन्हें सर्वे और सस्पेंस का अंतर नहीं पता-धर्मेंद्र प्रधान
May 01, 2025
बीजेपी की केंद्र सरकार ने देशभर में जाति जनगणना करवाने का फैसला लिया है. ये फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लिया है. इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि ये फैसला एकाएक नहीं लिया गया है, इसपर पिछले 11 सालों से काम चल रहा है. हमारा मकसद समाज के हर तबके तक लाभ पहुंचाने का है. सामाजिक न्याय हमेशा हमारी नीति का केंद्र रहा है और इसलिए ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा दिया गया.
BJP के प्रेस कॉन्फ्रेंस पर धर्मेंद्र प्रधान ने जोर देकर कहा कि यह भारत की आज़ादी के बाद पहली बार है, जब केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना को सैद्धांतिक मंजूरी दी है. यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो वंचितों को उनका हक दिलाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं. इसे लगभग एक साल पहले गृह मंत्री ने सूचित किया था.
धर्मेंद्र प्रधान ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि नेहरू जी जातीय आरक्षण के विरोधी थे. इसके लिए उन्होंने राज्यों को चिट्ठी भी लिखी थी. मंडल कमीशन लागू करने के समय बीजेपी सरकार का हिस्सा थी. इसे रोकने का काम कांग्रेस ने किया. मंडल कमीशन को लेकर राजीव गांधी का क्या रुख था सभी जानते हैं.
50% आरक्षण की सीमा खत्म करने के सवाल पर धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल गांधी की जातीय जनगणना पर प्रतिक्रिया को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की बातों को गंभीरता से लेना ही नहीं चाहिए. उन्हें सर्वे और सेंसस के बीच का अंतर भी नहीं पता. उन्होंने आगे कहा कि नेहरू और राजीव गांधी की चिट्ठियों और बयानों को पढ़कर कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए
धर्मेंद्र प्रधान ने जातीय जनगणना को कुछ दलों के लिए राजनीतिक एटीएम करार दिया और कहा कि मोदी जी ने डिजिटल पेमेंट सिस्टम लाकर इस एटीएम को बंद कर दिया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बिहार का भी जिक्र किया. धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि जब बिहार में जातीय सर्वे हुआ तो बीजेपी ने साथ दिया था. उन्होंने कर्पूरी ठाकुर का भी जिक्र करते हुए कहा कि जनसंघ ने भी उनका समर्थन किया था.