एक बार जो कमिट कर लिया, तो मैं अपनी आप की भी नहीं सुनता-एयर चीफ मार्शल एपी सिंह
May 29, 2025
भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने गुरुवार को सीआईआई बिजनेस समिट को संबोधित करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने हमें यह स्पष्ट रूप से बता दिया है कि हम किस दिशा में जा रहे हैं और भविष्य में हमें क्या चाहिए। इसलिए हमें अपनी विचार प्रक्रियाओं को फिर से संगठित करने के लिए बहुत काम करने की जरूरत है, जो पहले से ही चल रहा है, उन्होंने कहा कि उन्होंने जो भी करने का वादा किया है, वह करेंगे। एयर चीफ मार्शल ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर, जैसा कि नौसेना प्रमुख ने कहा था, युद्ध का चरित्र बदल रहा है। इस दौरान एयर चीफ मार्शल ने सलमान खान की एक फिल्म का डायलॉग भी बोला।
सीआईआई समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने सभा को संबोधित किया। उन्होंने इस दौरान कहा, 'हमने हिंदुस्तान का कमिटमेंट दुनिया के सामने दोहराया है। प्राण जाए पर वचन न जाए यही हमारा एक मात्र लक्ष्य है। हमें अब हमेशा तैयार रहना होगा भविष्य के लिए। युद्ध हमने Whole Of Nation अप्रोच के दम पर जीती। यही अप्रोच हमें डिफेंस फोर्सेस को ताकतवर बनाने के लिए इस्तेमाल करनी होगी। ये सिर्फ Whole of Nation अप्रोच ही नहीं, हमें Whole of Nation मिशन मोड में काम करके नतीजे लाने होंगे। उन्होंने आगे कहा कि हम हिंदुस्तान की सेना एक ही बात में यकीन करती है कि एक बार जो कमिटमेंट कर लिया तो फिर हम अपने आप की भी नहीं सुनते।
एयर चीफ मार्शल ने कहा, "हर दिन, हम नई तकनीकें खोज रहे हैं। भविष्य में भी, हम एक राष्ट्र के रूप में माल वितरित करने में सक्षम होंगे और हम अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में सक्षम होंगे। एएमसीए- उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान को निजी उद्योग की भागीदारी के लिए भी मंजूरी दे दी गई है, जो एक बहुत बड़ा कदम है और आज देश को निजी उद्योग पर इस तरह का भरोसा है और मुझे यकीन है कि यह भविष्य में आने वाली बड़ी चीजों का मार्ग प्रशस्त करेगा।" उन्होंने कहा कि चाहे वह थल सेना हो या जल सेना, वायु सेना हमेशा रहेगी और वायु सेना दोनों के लिए दिलचस्प होनी चाहिए। उन्होंने कहा, "हम जो भी ऑपरेशन करते हैं, हम उसे वायु सेना के बिना नहीं कर सकते और मुझे लगता है कि इस ऑपरेशन (सिंदूर) के दौरान भी यह बहुत अच्छी तरह से साबित हुआ है। हम सिर्फ भारत में उत्पादन के बारे में बात नहीं कर सकते। हमें भारत में डिजाइनिंग और विकास भी शुरू करना होगा और जब संख्या में उत्पादन की बात आती है, तो क्षमता सामने आती है। इसलिए हमें सेनाओं और उद्योग के बीच इस विश्वास को बनाए रखने की जरूरत है।"