भारतीय नौसेना को मिलेगा रूस में बना यह जंगी बेड़ा
May 06, 2025
पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर, भारतीय नौसेना अपने दूसरे उन्नत युद्धपोत - आईएनएस तमाल को शामिल करके अपनी समुद्री ताकत को मजबूत करने के लिए तैयार है। रिपोर्ट के अनुसार, रूस के प्रसिद्ध यंतर शिपयार्ड में निर्मित 3,900 टन का यह फ्रिगेट एक महीने के भीतर लेनिनग्राद में आधिकारिक तौर पर भारत को सौंप दिए जाने की उम्मीद है। यह डिलीवरी श्रृंखला के पहले युद्धपोत, आईएनएस तुशील के सफल शामिल होने के बाद हुई है, जिसे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 9 दिसंबर, 2024 को अपनी रूस यात्रा के दौरान कमीशन किया था।
इन फ्रिगेट्स का अधिग्रहण अक्टूबर 2016 में हस्ताक्षरित एक व्यापक भारत-रूसी रक्षा समझौते का हिस्सा है, जिसके तहत भारत ने चार उन्नत क्रिवाक-III श्रेणी के फ्रिगेट खरीदने की प्रतिबद्धता जताई थी। INS तमाल सहित पहले दो को रूस से लगभग 8,000 करोड़ रुपये में खरीदा जा रहा है। बाकी दो- त्रिपुत और तवस्या, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर सौदे के माध्यम से गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में निर्माणाधीन हैं, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 13,000 करोड़ रुपये है। ये अत्याधुनिक फ्रिगेट व्यापक ब्लू-वाटर ऑपरेशन के लिए डिजाइन किए गए हैं और आधुनिक हथियार प्रणालियों की सीरीज से लैस हैं। वे नौसैनिक युद्ध के सभी चार क्षेत्रों में मिशनों का संचालन करने में सक्षम हैं।
INS तमाल 30 नॉट (लगभग 55 किमी/घंटा) की गति से चलने में सक्षम है। इसके साथ ही हर 3 हजार किलोमीटर में एक आईएनएस तमाल सीमाओं की रक्षा और निगरानी में सक्षम है। बता दें कि तमाल नाम का अर्थ होता है तलवार। यह जहाज की आक्रामक और रणनीतिक बढ़ोत्तरी को दर्शाता है। वर्तमान में आईएनएस तमाल ने अपने परीक्षण पूरे कर लिए हैं और रूस में और भी कई अन्य परीक्षणों से गुजर रहा है। इस चरण के बाद इस फ्रिगेट की डिलीवरी की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। बता दें कि आईएनएस तमाल एक कमाल का फ्रिगेट है। इसमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली भी शामिल है। इसके अलावा यह जहाज पानी के नीचे युद्ध के लिए पनडुब्बी रोधी टारपीडो और रॉकेट लॉन्चर से भी लैस है।