एक ही दिन में तीन लोगों ने लगाई फांसी, किशोरी पर चरित्र का कलंक, बेटे ने पिता की शिकायत से तोड़ा दम, तीसरे की मौत बनी पहेलीबाराबंकी। जिंदगी की जंग तीन लोगों ने मंगलवार को हमेशा के लिए हार दी। एक 15 वर्षीय किशोरी, एक नवयुवक और एक 24 वर्षीय युवक ने अलग-अलग कारणों से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। तीनों घटनाएं न सिर्फ दिल दहला देने वाली हैं बल्कि समाज और रिश्तों के बदलते स्वरूप पर एक कठोर सवाल भी खड़ा करती हैं।पहली घटना कोतवाली नगर क्षेत्र के एक मोहल्ले में रहने वाली 15 वर्षीय किशोरी का किसी बात को लेकर पड़ोस की एक किशोरी से विवाद हो गया। आरोप है कि इस विवाद में विपक्षी ने किशोरी पर चरित्रहीनता का आरोप जड़ दिया। यह आरोप उस मासूम के मन को इतना कचोट गया कि उसने अपने ही घर में जाकर फांसी लगा ली। उस वक्त माता-पिता घर पर नहीं थे। काफी देर तक न दिखने पर जब परिवारजन उसे खोजते हुए दूसरी मंजिल पर पहुंचे तो उनकी आंखें फटी की फटी रह गईं ,बेटी का शव फंदे से लटका था।दूसरी घटना जहांगीराबाद के मड़वा गांव निवासी वीरेंद्र कुमार ने घरेलू विवाद के दौरान अपने पिता राम जियावन और पत्नी को पीट दिया। आहत पिता ने पुलिस को सूचना दी और बहू के साथ थाने जाकर शिकायत की। पुलिस हस्तक्षेप से आहत होकर वीरेंद्र ने उसी रात खुद को फांसी के फंदे से लटका लिया। अस्पताल में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। पिता की शिकायत शायद उसे अपने खिलाफ साजिश लगी ,या अपनों से मिली नाराजगी का दर्द बर्दाश्त न कर सका।जबकि तीसरी घटना कोठी थाना क्षेत्र के पूरे मुस्लिक पुरवा गांव में 24 वर्षीय सौरभ का शव मंगलवार सुबह उसके कमरे में फंदे से लटका मिला। परिवारजन यह समझ नहीं पा रहे कि सौरभ ने आत्महत्या क्यों की। उसकी पत्नी और छोटे पुत्र की चीखों ने घर का कोना-कोना गमगीन कर दिया है। पुलिस तीनो घटनाओं कारणों की जांच में जुटी है । पुलिस मामले की तह तक जाने के लिए हर स्तर से प्रयास कर रही है और मामले की तहकीकात में जुट गई।
क्या समाज का चरित्र इतना कठोर हो गया है कि अब एक आरोप मौत का कारण बन जाए? क्या अपनों से मिली नाराजगी सहना अब नामुमकिन हो चला है? और क्या हम समय रहते संकेतों को समझने की कोशिश करते हैं?एक ही दिन में फांसी से गई इन तीन जिंदगियों ने पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया है। हर परिवार मातम में डूबा है और हर आंख इन मासूम मौतों का जवाब चाहती है।