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उत्तराखंडः जिलाधिकारी ने पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक में गौसदनों की समीक्षा की, दिए महत्वपूर्ण निर्देश


बागेश्वर। जिलाधिकारी आशीष भटगांई की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने जिले में संचालित एवं निर्माणाधीन गौसदनों की स्थिति और ग्राम्य गौसेवक-गौसदन योजना की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की तथा पशु क्रूरता से संबंधित मामलों के प्रभावी समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

बैठक में जनपद के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. योगेश चंद्र भारद्वाज ने बताया कि वर्तमान में जनपद में 3 पंजीकृत गौसदन संचालित हैं, जिनमें कुल 254 निराश्रित पशुओं की देखरेख की जा रही है। मनकोट व जैसर में नए गौसदनों के निर्माण के प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं और 2 अन्य स्थानों पर गौसदन खोलने के प्रस्ताव भी प्राप्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त, ग्राम्य गौसेवक-गौसदन योजना के तहत सात आवेदन प्राप्त हुए हैं।

जिलाधिकारी ने गौ संरक्षण के कार्य में तेजी लाने पर जोर देते हुए प्रस्तावित नए गौसदनों के संचालन की कार्यवाही जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए, ताकि अधिक से अधिक निराश्रित पशुओं को आश्रय मिल सके। कहा कि गौसदन केवल आश्रय स्थल नहीं, बल्कि सामाजिक दायित्व के प्रतीक हैं, और इनकी संचालन व्यवस्था को मजबूत बनाना सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि पशु क्रूरता से संबंधित मामलों का समयबद्ध और प्रभावी निस्तारण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे ग्राम स्तर पर पशु संरक्षण संबंधी जागरूकता अभियान चलाएं और आमजन को पशु क्रूरता निवारण अधिनियम की जानकारी दें।

जिलाधिकारी ने पशु चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे नर गौवंश पंजीकरण के लिए न्याय पंचायतों में समय-समय पर गोष्ठियां और जागरूकता अभियान चलाएं। उन्होंने ग्राम्य गौसेवक-गौसदन योजना को एक अच्छी पहल बताते हुए इसके व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार के निर्देश दिए और आम जनता से इस योजना का लाभ उठाने की अपील की।

बैठक के दौरान गौसदन संचालकों ने समिति के समक्ष अपने अनुभव और समस्याएं साझा की। जिलाधिकारी ने सभी विषयों को गंभीरता से सुनते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे नियमित रूप से गौसदनों का निरीक्षण करें, संचालन में आ रही दिक्कतों की पहचान करें और शीघ्र समाधान सुनिश्चित करें। और कहा कि यदि गौसदन संचालकों को किसी प्रकार के प्रशिक्षण की आवश्यकता हो, तो उसकी व्यवस्था भी की जाए। उन्होंने गौसेवा को सेवा का माध्यम बताते हुए इसमें समर्पण और संवेदनशीलता से कार्य करने का आह्वान किया।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आरसी तिवारी, उप जिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा, अनिल सिंह रावत, मुख्य शिक्षा अधिकारी जीएस सौन, ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी सीमा भेतवाल, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ पंकज जोशी, खंड विकास अधिकारी आलोक भंडारी, ख्याली राम, जिला पंचायतराज अधिकारी सुंदर लाल सहित गौसदन संचालक और समिति के सदस्य उपस्थित रहे।

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