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बाराबंकीः महिला सशक्तिकरण की प्रतीक रहीं अहिल्याबाई -सुरेश राही


बाराबंकीं। उत्तर प्रदेश सरकार के कारागार मंत्री व प्रभारी मंत्री सुरेश राही ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई होलकर महिला सशक्तिकरण की प्रतीक थी।उन्होंने  स्वदेशी कुटीर उद्योग को बढ़ावा देकर एवं स्वयं सहायता समूह का गठन करके महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया।अहिल्याबाई ने भारत की ऐतिहासिक व आध्यात्मिक विरासत को संजोने में अपना जीवन  खपा दिया।कहा कि उन्होंने अपने जीवन में देशभर में सभी ज्योतिर्लिंग सहित  हजारों मंदिरों , घाटों  और विश्रामालय का जीर्णोद्धार एवं निर्माण कराया। 29 वर्ष की आयु में पति की मृत्यु होने के पश्चात उन्होंने सती प्रथा का विरोध किया। अपने राज्याभिषेक के बाद अहिल्याबाई ने होलकर समाज की संपत्तियों को भगवान शिव को अर्पित करने का काम किया।प्रभारी मंत्री बुधवार को जिला पंचायत सभागार में अहिल्याबाई होलकर की त्रिशताब्दी जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित जिला पंचायत सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि आजादी के बाद  कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों की सरकारों ने देश के गौरवशाली इतिहास को मिटाने और दबाने का कार्य किया जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सभी महान विभूतियों के सम्मान को बढ़ाने के लिए भागीरथ प्रयास कर रहे हैं। जिससे देश की युवा पीढ़ी अपने अतीत पर गर्व कर सके।उन्होंने लोकमाता अहिल्याबाई को न्यायप्रिय शासक, कर्तव्यनिष्ठ महिला एवं धार्मिक मूल्यों के प्रति अटूट श्रद्धावान बताया।जिला अध्यक्ष अरविंद मौर्य ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।जिला पंचायत अध्यक्ष राजरानी रावत ने आभार ज्ञापित करते हुए अहिल्याबाई के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।संचालन आशीष पाठक ने किया।इस अवसर पर विधायक दिनेश रावत,पूर्व विधायक शरद अवस्थी,संतोष सिंह,अवधेश श्रीवास्तव,शशांक कुसुमेश, हरगोविंद सिंह,राम कुमारी मौर्य,अमरीश रावत, डॉक्टर विवेक वर्मा,विजय आनंद बाजपेई, अवधेश वर्मा,जवाहर लाल वर्मा, भुल्लन वर्मा सहित काफी संख्या में जिला पंचायत  सदस्य एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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