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बाराबंकीः आवास, स्वास्थ्य, जल और गौसेवा से संवर रहा जनपद का चेहरा


बाराबंकी। जहां एक ओर देश विकास के नए मानकों की ओर बढ़ रहा है, वहीं जनपद इन परिवर्तनों को वास्तविक धरातल पर उतारने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। डीएम शशांक त्रिपाठी की निगरानी में चल रही तमाम योजनाएं सिर्फ फाइलों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि गरीब, किसान, पशुपालक और आमजन के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला रही हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत नगर के जगनेहटा क्षेत्र में 6 बहुमंजिला टॉवरों में 288 फ्लैटों का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। 16.37 करोड़ रूपये की लागत से तैयार हो रहे ये आवास उन लोगों के सपनों को साकार कर रहे हैं, जिनके लिए ‘पक्के घर’ का सपना अब तक एक ख्वाब था। मात्र 3.50 लाख रूपये अंशदान में मिलने वाले ये फ्लैट, न केवल मजबूत दीवारों का निर्माण कर रहे हैं, बल्कि आत्मसम्मान की बुनियाद भी रख रहे हैं। डीएम शशांक त्रिपाठी और मुख्य विकास अधिकारी अन्ना सुदन ने निर्माणस्थल का निरीक्षण कर तेजी से कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।तो वही निरीक्षण के दौरान जिला चिकित्सालय में बन रही क्रिटिकल केयर यूनिट का कार्य धीमी गति से चलने पर डीएम ने स्पष्ट शब्दों में नाराजगी जताई और कार्यदायी संस्था को कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। यह यूनिट भविष्य में गंभीर रोगियों की जीवनरेखा बनेगी। प्रशासन की सजगता यही बताती है कि स्वास्थ्य सुविधाएं केवल घोषणाएं नहीं, बल्कि क्रियान्वयन की दिशा में भी बढ़ रही हैं।गुरूवार निबलेट फार्म स्थित गो आश्रय स्थल का निरीक्षण कर डीएम ने न केवल 542 गोवंशों की स्थिति का जायजा लिया, बल्कि चारे, पानी, शेड और पौधरोपण जैसी व्यवस्थाओं पर भी गहन ध्यान दिया। यह निरीक्षण यह संदेश देता है कि गोसेवा की भावना सिर्फ धार्मिक आस्था नहीं, प्रशासनिक जिम्मेदारी भी बन चुकी है।साथ ही शुक्लई गांव में जल-जीवन मिशन के तहत अब तक 743 कनेक्शन दिए जा चुके हैं। डीएम ने गांव में जल की गुणवत्ता की जांच करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि जल आपूर्ति में कोई समझौता न हो और हर घर तक स्वच्छ जल पहुंचे। यह पहल न केवल ग्रामीण जीवन की सुविधा बढ़ा रही है, बल्कि स्वच्छता व स्वास्थ्य की नींव को भी मजबूत कर रही है।

आज महज एक जिला नहीं, बल्कि विकासशील भारत के उस चेहरे की मिसाल बन चुका है, जहाँ नीतियाँ सिर्फ कागजों पर नहीं, जन-जन के जीवन में उजास बनकर उतर रही हैं। प्रधानमंत्री आवास से लेकर जल-जीवन मिशन तक, गौशालाओं से लेकर अस्पतालों तक हर मोर्चे पर प्रशासन की संवेदनशीलता, प्रतिबद्धता और तत्परता स्पष्ट दिख रही है। यह केवल योजनाओं की सूची नहीं, बल्कि जनविश्वास की पुनर्स्थापना है।विकास जब संवेदना से जुड़ता है, तो बदलाव स्थायी हो जाता ह है और यह जिला इसका सजीव उदाहरण बन रहा है।

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