Type Here to Get Search Results !
BREAKING NEWS

वक्फ कानून: अभी हम मूल सवाल पर विचार करेंगे, अगली सुनवाई 20 मई को-सुप्रीम कोर्ट


सुप्रीम कोर्ट में आज यानी गुरुवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हुई। प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ इस अहम मामले की सुनवाई की। SG तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है। कोर्ट ने पूछा कि क्या अभी इस केस में अंतरिम राहत के लिए सुनवाई हो रही है? तुषार मेहता ने कहा कि अगर कोर्ट अंतरिम आदेश पर विचार करे, तो उसमें भी ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। SG तुषार मेहता ने कहा कि वो भी याचिकाकर्ताओं की तरह अपने जवाब को लेकर संक्षिप्त नोट दाखिल करने को तैयार है।

याचिकाकर्ताओं की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि हमने संक्षिप्त नोट तैयार किया है, जिसे हम SG तुषार मेहता से शेयर कर सकते हैं। SG तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले में बड़ी संख्या में intervention application फाइल हुई है। ये कोर्ट पर निर्भर करता है कि वो सुने या नहीं, लेकिन मेरी राय में वो नहीं सुनी जानी चाहिए (यानी मुख्य याचिकाओं पर सुनवाई हो)।

वकील विष्णु शकंर जैन ने कहा कि हमने अपनी याचिका में यह बात रखी है कि वक्फ एक्ट में बदलाव के बावजूद इसके कुछ मनमाने प्रावधान बने हुए हैं, हमने पहले भी उन्हें रद्द करने की मांग की थी। कोर्ट हमारी मांग पर विचार करें। चीफ जस्टिस ने कहा कि अभी हम मूल सवाल पर विचार करेंगे (क्या वक्फ कानून में जो बदलाव किए हैं, वो संवैधानिक है या नहीं)। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) ने वकील विष्णु जैन से कहा कि आपकी मांग पर अंतरिम राहत के लिए कोई जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार यानी 20 मई को अगली सुनवाई की बात कही। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि SG तुषार मेहता पहले ही पिछली सुनवाई में आश्वस्त कर चुके हैं (वक्फ एक्ट के कुछ प्रावधान लागू नहीं होंगे।) ये व्यवस्था अभी लागू रहेगी। इस पर अगर पालन नहीं होता तो कोर्ट देखेगा। SG ने भी आश्वस्त किया कि कोर्ट को दिए सरकार के आश्वासन पर अमल होगा।

पहले इन याचिकाओं पर पूर्व प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई कर रही थी। हालांकि, न्यायमूर्ति खन्ना 13 मई को सेवानिवृत्त हो गए, जिसकी वजह से अब एक नई पीठ का गठन किया गया है। शीर्ष अदालत ने इस मामले में पिछली सुनवाई 17 अप्रैल को की थी। उस दौरान, अदालत ने केंद्र सरकार का आश्वासन दर्ज किया था कि वह 05 मई तक "वक्फ बाय यूजर" समेत वक्फ की संपत्तियों को न तो गैर-अधिसूचित करेगी और न ही केंद्रीय वक्फ परिषद व बोर्ड में कोई नियुक्ति करेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने 17 अप्रैल की सुनवाई में इशारा किया था कि वह वक्फ अधिनियम, 2025 के कुछ हिस्सों पर रोक लगाने पर विचार कर रहा है, जिसमें ‘वक्फ-बाय-यूजर' का कॉन्सेप्ट, वक्फ बोर्ड्स में गैर-मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व और विवादित वक्फ भूमि की स्थिति को बदलने के लिए कलेक्टर को दिए गए अधिकार शामिल हैं।

भारत के पूर्व चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने टिप्पणी करते हुए कहा था, "हम आम तौर पर चुनौती के इस चरण में किसी कानून पर रोक नहीं लगाते हैं, जब तक कि असाधारण परिस्थितियां न हों। यह एक अपवाद नजर आता है। हमारी फिक्र यह है कि अगर 'वक्फ-बाय-यूजर' को गैर-अधिसूचित किया जाता है, तो इसके बहुत बड़े नतीजे हो सकते हैं।" सुनवाई कर रही बेंच में जस्टिस पी वी संजय कुमार और के वी विश्वनाथन भी शामिल थे।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Design by - Blogger Templates |