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लखनऊ: अहिल्याबाई होलकर की त्रिशताब्दी जन्म स्मृति अभियान- 2025 के उपलक्ष्य में आयोजित महिला सम्मेलन संपन्न


लखनऊ। लखनऊ में बख्शी का तालाब विधानसभा के ब्लाक सभागार में पुण्यश्लोक महरानी अहिल्याबाई होलकर की त्रिशताब्दी जन्म स्मृति अभियान- 2025 के उपलक्ष्य में आयोजित ष्महिला सम्मेलनष् में मुख्य अथिति के रूप मे निवर्तमान भाजपा जिला अध्यक्ष विनय प्रताप सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि राजमाता अहिल्याबाई होल्कर ने महिला सशक्तिकरण तथा प्रकृति संरक्षण की दिशा में उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया। वहीं वे महिलाओं के अधिकारों को लेकर अत्यंत सजग थीं। उनके दरबार में महिलाओं को आने की पूरी स्वतंत्रता थी। अपने शासनकाल में उन्होंने विधवाओं को संपत्ति रखने तथा उसके उपयोग का अधिकार दिया तथा स्त्रियों को अपना मनचाहा दत्तक या उत्तराधिकारी चुनने का भी अधिकार दिया। वह प्रकृति की भी संरक्षिका थीं। जीव जंतुओं पशु पक्षियों के प्रति भी उनके मन में विशेष लगाव था। गौ सेवा के लिए राजमाता अहिल्याबाई ने महती कार्य किया तथा उन्होंने गोवध बंदी कानून को कठोरता से लागू किया। उन्होंने वन संपदा को अनावश्यक काटने पर दड का विधान किया तथा नदियों का प्रदूषण रोकने और नर्मदा के संरक्षण हेतु विशेष प्रयास किए। एवं राजमाता ने

सनातन संस्कृति से अगाध प्रेम करने वाली पुण्य श्लोका राजमाता अहिल्याबाई का दृष्टिकोण अखिल भारतीय था। वह भारत की एकात्मता में तीर्थ यात्राओं के महत्व को समझती थीं। उन्होंने गभीरता से विचार किया कि भारत में युगों-युगों से चली आ रही तीर्थ यात्राओं की परंपरा विदेशी शासकों के कारण टूट गई थी। तीर्थ स्थानों के मार्ग, मंदिर, अन्य क्षेत्र, पेयजल व्यवस्था, धर्मशालाएं इत्यादि विदेशी आक्रांताओं ने ध्वस्त कर दी थीं। इनके पुनर्निर्माण किए बिना तीर्थ यात्राएं सुगम नहीं हो सकती थीं। इसीलिए उन्होंने पूरे भारत में एक दृष्टि से निर्माण करवाए। वाराणसी में मणिकर्णिका घाट अहिल्या माता के द्वारा ही बनवाया गया था। बद्रीनाथ से रामेश्वरम और द्वारिका से काशी तक उन्होंने अनेक घाट, धर्मशालाएं, मंदिर इत्यादि बनवाए। काशी से बंगाल तक सड़क को पक्का करवाया। कई भग्न मंदिरों का पुनर्निर्माण करवाया। राजमाता अहिल्या ने राजनीतिक और भौगोलिक सीमाओं को लांघ कर भी पूर्ण शांति और सहमति के साथ अनेक निर्माण कार्य करवाए। भारत में लगभग 80 से 100 ऐसे ज्ञात स्थान है जहां पर राजमाता अहिल्या द्वारा भवनों का निर्माण करवाया गया। यह भारत को जोडने की दिशा में उनकी ओर से किया गया महत्वपूर्ण कार्य है। उन्होंने न केवल स्थापत्य का कार्य करवाया बल्कि भविष्य में भी सुचारू रूप से कार्य चलता रहे इसके लिए अग्रिम व्यवस्था कर दी। उनके द्वारा कराए गए निर्माण कार्य वास्तव में अंग्रेजो के षड्यंत्र के विरुद्ध हिंदू एकत्रीकरण के प्रयास भी थे। वह जानती थीं कि मंदिर सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र होते हैं। उनके इन प्रयासों से समाज में बड़े परिवर्तनों को गति मिली। इस दौरान ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि रामेन्द्र सिंह मोनू, जिला मिडिया प्रभारी विवेक सिंह,वरिष्ठ भाजपा नेता कौशल सिंह, चेयर मैन हिमालयन इंस्टिट्यूट समिता बाफिला, जिला संयोजक आई टी विभाग प्रियांशु सिंह, मण्डल अध्यक्ष संदीप यादव, मण्डल अध्यक्ष कुलदीप सिंह, मण्डल अध्यक्ष राजेंद्र लोधी , मण्डल उपाध्यक्ष दीपक ठाकुर , मण्डल उपाध्यक्ष श्रीमती किरण सिंह, रोहित सिंह, राहुल लाल आदि पार्टी के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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