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प्रयागराजः मण्डलीय खरीफ गोष्ठी के आयोजन का उद्देश्य किसानों के सुझाव लेना तथा उनकी समस्याओं को सुनकर उनका समाधान कराया जाना-मा0 कृषि मंत्री


प्रयागराज। प्रमुख सचिव (कृषि), उत्तर प्रदेश शासन की अध्यक्षता में दिनांक 28 मई 2025 को जिला पंचायत सभागार में कानपुर एवं प्रयागराज मण्डल की संयुक्त मण्डलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी-2025 का आयोजन किया गया। गोष्ठी के साथ ही त्वरित मक्का विकास कार्यक्रम जनपद स्तरीय गोष्ठी एवं सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन (आत्मा) योजना का भी आयोजन किया गया। गोष्ठी में कृषि मंत्री उ0प्र0 सरकार श्री सूर्य प्रताप शाही जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। समीक्षा गोष्ठी में मा0 कृषि राज्य मंत्री उ0प्र0 सरकार,, निदेशक कृषि उ0प्र0, निदेशक, बीज विकास निगम उ0प्र0, निदेशक, प्रसार सुआट्स नैनी प्रयागराज दोनों मण्डल के समस्त मुख्य विकास अधिकारी तथा कृषि एवं संवर्गीय विभागों के मण्डलीयध्जनपदीय अधिकारियों एवं विभिन्न जनपदों के प्रगतिशील कृषकों के द्वारा प्रतिभाग किया गया। श्री एस0पी0 श्रीवास्तव संयुक्त कृषि निदेशक, प्रयागराज मण्डल, प्रयागराज द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया। मुख्य अतिथि कृषि मंत्री जी द्वारा दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। इसके साथ ही उन्होंने वहां पर लगाये गये विभिन्न विभागों के स्टॉलों का अवलोकन भी किया। मा0 मंत्री जी द्वारा गोष्ठी में खरीफ के लिए की गयी तैयारी तथा मण्डलों में तैयार की गयी रणनीति की समीक्षा के साथ ही जनपदों के किसानों से फीडबैक लिया गया। उन्होंने कहा कि मण्डलीय खरीफ गोष्ठी के आयोजन का उद्देश्य यही है कि किसानों के सुझाव एवं उनकी समस्याओं को सुनकर उनका समाधान कराया जाय। कार्यक्रम का संचालन डा0 योगेश श्रीवास्तव द्वारा किया गया।

मुख्य अतिथि कृषि मंत्री जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि अब तक जितने मण्डलों में खरीफ गोष्ठियां आयोजित हुयी हैं उनमें प्रयागराज में आयोजित कानपुर एव प्रयागराज की संयुक्त खरीफ गोष्ठी सबसे सार्थक गोष्ठी है। गोष्ठी में कृषि वैज्ञानिकों, किसानों, अधिकारियों द्वारा अपनी बात सही ढंग से रखी गयी है। किसानों के अनुभव सभी के लिए अनुकरणीय हैं तथा दूसरे कृषकों को भी प्रेरणा दे रहे है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में खाद्यान्न उत्पादन का जो लक्ष्य रखा गया है उसकी प्राप्ति हेतु सरकार द्वारा सभी आवश्यक प्रबन्ध किये गये हैं। बीज, खाद, रसायनों की दोनों मण्डल के सभी जनपदों में पर्याप्त उपलब्धता है। यांत्रिक एवं विद्युत दोष से खराब नलकूपों को तत्काल ठीक कराने, के निर्देश दिए। मा0 मत्री जी द्वारा कृषकों को मिश्रित खेती किये जाने तथा ढैंचा की बुआई किये जाने का सुझाव दिया गया जिससे मृदा का स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। साथ ही अवगत कराया गया कि हम दलहन का विदेशों से आयात करते है अतः उपस्थित मुख्य विकास अधिकारियों को सही नियोजन कर अपने जिले की मांग के हिसाब से कृषि को प्रोत्साहित कराये जाने का निर्देश दिया गया। भारत को विकसित बनाना है तो कृषि में आत्मनिर्भरता प्राप्त करनी होगी जिसके लिए कल विकसित कृषि संकल्प अभियान का शुभारंभ किया जायेगा जिसमें उन्नति बीज एवं प्राकृतिक खेती पर चर्चा की जायेगी तथा प्रयोगशाला का शोध खेत तक पहुॅच सके। उपस्थित कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के हिसाब से उर्वरकों का प्रयोग किये जाने का सुझाव दिया गया। कृषकों को यह भी अवगत कराया गया कि पहले बीज की सब्सिडी बाद में मिलती थी जबकि आज पी0ओ0एस0 मशीन के माध्यम से तुरन्त ही सब्सिडी प्राप्त हो रही है तथा शीघ्र ही प्रदेश में सीड पार्क विकसित किया जा रहा है।

प्रमुख सचिव कृषि उ0प्र्र0 शासन ने अपने सम्बोधन में कहा कि गोष्ठी में किसानों की जो समस्यायें आयी हैं। सम्बन्धित अधिकारी उसका प्राथमिकता पर निराकरण करायें। उन्होने अवगत कराया कि मिलेट्स प्रोसेसिंग यूनिट के0वी0के0 प्रयागराज तथा कानपुर विश्वविद्यालय को स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है जिसकी समय से स्थापना सुनिश्चत करायी जाय। वनरोज तथा निराश्रित गोवंश से फसलों के नुकसान पर अवगत कराया गया कि वनरोजो को मारने हेतु सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारी को लाइसेंस देने का अधिकार दिया गया है तथा गोवंश हेतु गौ-शालाओं का निर्माण कराया गया है एवं कृषकों को भी अपने पास निराश्रित गोवंश से गाय लेने पर सरकार द्वारा उन्हें प्रोत्साहन राशि देने की भी व्यवस्था करायी गयी है। पानी की समस्या हेतु कृषकों को ड्रिप सिंचाई अपनाये जाने का सुझाव दिया गया। कानपुर मण्डल में मक्का की खेती में अपेक्षाकृत कम उत्पादन प्राप्त होने की दशा में कृषकों को नई तकनीक अपनाये जाने का सुझाव दिया गया। साथ ही मृदा की उर्वरता कम होने पर कृषकों को जैविक खेती अपनाने जाने पर विशेष बल दिया गया।

मा0 कृषि राज्य मंत्री उ0प्र0 द्वारा अवगत कराया गया कि प्राकृतिक ख्ेाती एवं जैविक खेती को जोड़ कर देखा जाय तथा सरकार द्वारा कृषकों की समस्याओं को दूर करने का कार्य किया जा रहा है जिससे आज कृषक सब्जी तथा फल की खेती कर आर्थिक लाभ प्राप्त कर रहे है। उन्होंने अवगत कराया गया कि सरकार द्वारा कृषकों बिजली बिल माफ कराये गये तथा सोलर पम्प पर 60 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कृषकों को आश्वस्त किया कि कृषकों की मांग के अनुसार उसी प्रजाति का बीज उपलब्ध कराया जायेगा तथा उनके द्वारा उठायी गयी समस्याओं का समाधान भी कराया जायेगा।

संयुक्त कृषि निदेशक, प्रयागराज द्वारा प्रयागराज मण्डल में खरीफ की रणनीति एवं तैयारी से अवगत कराते हुए बताया गया कि मण्डल में खरीफ की प्रमुख फसल धान का आच्छादन 604886 हे0 प्रस्तावित है जो कि गत वर्ष से 60557 हे0 कम है। इस वर्ष दलहनी एवं तिलहनी फसलों में गत वर्ष के सापेक्ष आच्छादन में क्रमशः 22964 हे0 एवं 854 हे0 की वृद्धि प्रस्तावित मण्डल की प्रमुख फसल धान का उत्पादन लक्ष्य 1787447 मै0 टन प्रस्तावित है। धान में प्रदेश की औसत उत्पादकता 33.00 कु0ध्हे0 के सापेक्ष मण्डल की औसत उत्पादकता 32.84 कु0ध्हे0 निर्धारित की गयी। इसी प्रकार गत वर्ष खरीफ 2024 के सापेक्ष 2025 में धान के क्षेत्रफल में 60557 हे0 की कमी करते हुए मक्का, ज्वार, बाजरा, उर्द, मूंग, अरहर, तिल एवं श्री अन्न के क्षेत्रफल में व्यापक वृद्धि करते हुए दलहन, तिलहन एवं श्री अन्न में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में प्रयास किया गया है। उपरोक्त लक्ष्यों की पूर्ति हेतु उक्त से सम्बन्धित समस्त कृषि निवेश यथा बीज, उर्वरक, कृषि रक्षा रसायन एवं बायोपेस्टीसाइड्स की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गयी है।

गोष्ठी में निदेशक कृषि, जितेन्द्र कुमार तोमर द्वारा खरीफ की रणनीति एवं निवेशों की उपलब्धता की जानकारी देते हुए बताया गया कि खरीफ हेतु जो लक्ष्य निर्धारित हैं, उनकी शत प्रतिशत पूर्ति करायी जाएगी। उन्होंने अवगत कराया कि दोनों मण्डलों में दलहनध्तिलहन के क्षेत्रफल को कम दर्शाया गया है इसपर विशेष ध्यान देते हुए इसे बढ़ाये जाने पर बल दिया गया। साथ ही अवगत कराया गया कि अनुदान पर मिलेट्स प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की व्यवस्था है जिसके लिए प्रस्ताव सम्बन्धित उप कृषि निदेशक के माध्यम से प्रेषित कराया जाय।

मुख्य विकास अधिकारी, प्रतापगढ़ द्वारा नहरों के रोस्टर जो 30 जून से है उसे 15 जून किये जाने का अनुरोध किया गया। मुख्य विकास अधिकारी औरैया एवं इटावा द्वारा अवगत कराया गया कि उनके जनपद हेतु खरीफ कृषि निवेश यथा बीज, उर्वरक एवं रसासन की पर्याप्त उपलब्धता है। संयुक्त विकास आयुक्त प्रयागराज मण्डल द्वारा अवगत कराया गया कि शंकरगढ़ में बाघला नहर प्रखण्ड है जिसमें पानी की समस्या बतायी गयी तथा जनपद फतेहपुर एवं कौशाम्बी केले की खेती अधिक होती है जिससे उसके अवशेष से कपड़ा या बैग बनाने हेतु प्रेशिक्षण की आवश्यकता है। अधीक्षण अभियंता सिंचाई कार्य मण्डल प्रयागराज द्वारा अवगत कराया गया कि बाघला पम्प नहर 72ः20 पर चलता है तथा पानी की कमी होने पर बंद करना पड़ता है। अपर निदेशक पशुपालन कानुपर मण्डल द्वारा पशुओं के टीकाकरण की जानकारी दी गयी। तकनीकी सत्र में शुआट्स के वैज्ञानिक डा0 विक्रम सिह द्वारा तिल की खेती, डा0 अजय कुमार सिंह द्वारा धान की सीधी बुआई पर चर्चा, डा0 रामपाल सिंह पशुपालन के विषय पर चर्चा, डा0 मनीष सिंह एसोसिएट प्रोफेसर कुलभास्कर द्वारा श्री अन्न (मोटे अनाज) उत्पादन पर तथा डा0 टी0डी0 मिश्रा सुआट्स के उद्यान विभाग के वैज्ञानिक द्वारा सब्जी एवं बागवानी पर विस्तृत चर्चा कर किसानों को कृषि की उपयोगी जानकारी दी गयी। गोष्ठी में विभिन्न जनपदों से आए प्रगतिशील किसान आशीष कुमार कानपुर नगर द्वारा जैविक खेती, बचान राजपूत कानपुर नगर द्वारा जैविक उत्पाद विपणन की समस्या, बजजीत सिंह कानपुर देहात प्राकृतिक खेती व हरा उर्द बीज की मांग, अरविद सिंह परिहार इटावा द्वारा जीरो बजट खेती, तिवारी लाल इटावा द्वारा मिर्च एवं परवल की जैविक खेती, श्री सुघड़ सिंह औरैया द्वारा पशुपालन, शशिकांत सिंह औरैया द्वारा धान की उन्नति खेती, मुकेश कुमार कटियार कन्नोज द्वारा प्राकृतिक खेती जीरो बटज, संजय कटियार कन्नौज व नरेश सिंह राजपूत फर्रूखाबाद जवाहर लाल फर्रूखाबाद द्वारा जैविक खेती, उमेश पटेल, फूलपुर प्रयागराज द्वारा विपणन, सतीश चन्द्र मौर्य सोरांव प्रयागराज द्वारा धान की सेलेक्सन विधि से नई प्रजाति तैयार करने, राम अभिलाष मौय कौशाम्बी द्वारा मृदा स्वास्थ्य हेतु ढैंचा बुआई, राघवेन्द्र प्रताप सिंह प्रतापगढ़ द्वारा फलो की खेती तथा श्री भानू प्रताप सिंह, फतेहपुर द्वारा बागवानी विषय पर अपने अनुभव किसानों से साझा किए।

गोष्ठी में प्राकृतिक खेती योजना में प्रशिक्षित कृषि सखियों श्रीमती अनीता पाल, श्रीमती संचिता राजपूत श्रीमती रेखा पटेल को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र, श्री जियाराम प्रयागराज को फार्म मशीनरी बैंक की चाभी का वितरण, श्री अभय कुमार प्रयागराज को लेजर लेवलर का चेक एवं श्रीमती गीता व मीना देवी भगवतपुर को मृदा स्वास्थ्य कार्ड का प्रमाण पत्र वितरित किया गया।

गोष्ठी में किसानों की बड़ी भारी तादात में उपस्थिति रही जिनके जलपान, दोपहर भोजनादि की व्यवस्था एस0पी0 श्रीवास्तव संयुक्त कृषि निदेशक, प्रयागराज मण्डल द्वारा की गयी। उनके प्रयास से गोष्ठी सफलतापूर्वक सम्पन्न हुयी जिसकी मा0 कृषि मंत्री जी द्वारा सराहना की गयी। श्री पवन कुमार विश्वकर्मा उप कृषि निदेशक प्रयागराज द्वारा धन्यवाद ज्ञापित कर गोष्ठी का समापन किया गया।

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