ममता बनर्जी की वजह से योग्य टीचर सड़कों पर आ गए-सुकांता मजूमदार
April 04, 2025
पश्चिम बंगाल में 26 हजार से ज़्यादा शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की भर्ती को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध करार दिया है. यह फैसला 2016 में हुई नियुक्तियों को लेकर आया है. कोर्ट के फैसले के बाद राज्य में सियासी घमासान मच गया है. बीजेपी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफा मांगा है, जबकि सीपीएम ने खाली पदों को तुरंत भरने की मांग की है.
पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ममता बनर्जी मीडिया के सामने आईं और दूसरों पर दोष डालने लगीं. अगर राज्य की कैबिनेट चोरों को बचाने का फैसला करती है, तो उन्हें जेल में होना चाहिए.” उन्होंने कहा कि यह मामला उनके लिए निजी है क्योंकि उन्हें भी अपनी पहली नौकरी इसी परीक्षा के ज़रिए मिली थी. उन्होंने बताया कि एक यूनिवर्सिटी की गोल्ड मेडलिस्ट छात्रा रो रही थी क्योंकि उसकी नौकरी चली गई. इसके लिए ममता बनर्जी और उनकी सरकार जिम्मेदार है.
सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी के सलाहकारों ने उन्हें सुझाव दिया कि टीएमसी नेताओं को बचाने के लिए सही और गलत सभी लोगों को एक साथ जोड़ दिया जाए ताकि किसी को कुछ समझ न आए. लेकिन कोर्ट ने साफ कहा कि अगर दूध और पानी अलग नहीं किया जा सकता, तो दोनों को फेंक दो. उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल को एक बाज़ार बना दिया है, जहां शिक्षक और नौकरियां खरीदी जाती हैं. योग्य उम्मीदवारों को सीएम रिलीफ फंड से मदद मिलनी चाहिए.”
ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली बंगाल सरकार पर निशाना साधते हुए बीजेपी नेता ने कहा, "राज्य में 26,000 टीचरों की नौकरी चली गई. ममता बनर्जी ने टीचर की नौकरी में धांधली करने वाले 6,000 लोगों को बचाने के लिए 20,000 लोगों को सड़कों पर बैठा दिया. मेरा कहना है कि जिन लोगों ने टीएमसी नेताओं को पैसा देकर नौकरी पाई थी. वे लोग उन नेताओं के पास दोबारा जाएं और उनसे अपना पैसा वसूल लें. कोर्ट से हम गुहार लगाते हैं कि जो टीचर योग्य हैं, उन्हें फिर से नौकरी करने का मौका दिया जाना चाहिए."