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हिन्दूओं के साथ एक समस्या, कोई महापुरुष आता है, लोगों को जगाता और लोग फिर सो जाते-दत्‍तात्रेय होसबाले


राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (RSS) लखनऊ विभाग की 'शाखा टोली का एकत्रीकरण' लखनऊ के आशियाना क्षेत्र स्थित स्‍मृति उपवन में आयोजित किया गया। इसमें मुख्‍य अतिथि के रूप में सरकार्यवाह दत्‍तात्रेय होसबाले ने कहा, 'स्‍वयंसेवक शाखा के माध्‍यम से भारत के परम वैभव के लिये प्रतिदिन साधना कर रहे हैं।' साथ ही उन्‍होंने यह भी कहा कि संघ 100 सालों से हिन्दू समाज को जागृत करता आ रहा है। संघ हिन्दुओं को सेवाभावी हिन्‍दू बनाने के साथ ही अकेले हिन्‍दू को शक्तिशाली एवं राष्‍ट्रीय हिन्‍दू बनाने का कार्य कर रहा है। हिन्‍दुओं को समरसता की धारा में लाने का कार्य संघ ने किया है।

इसके आगे उन्‍होंने कहा कि हम सब संघ के स्‍वयंसेवक हैं। हमने देश के लिये संकल्‍प लिया है। इस राष्‍ट्र को वैभव के शिखर एवं विकास के पथ पर ले जाने के लिये हम सदैव कार्यरत रहेंगे। ऐसा हम इसलिये करते हैं क्‍योंकि हम भारतवर्ष में जन्‍मे हैं। भारतवर्ष में जन्‍म लेने के लिये देवता भी तरसते हैं। इसलिये यहां जन्‍म लेना हमारा सौभाग्‍य है। ऐसे में हमारा कर्तव्‍य भी बनता है कि हम समाज और देश के प्रति अपने संकल्‍पनिष्‍ठ कर्तव्‍यों का निर्वहन करें। भारत के साहित्‍यकारों, वैज्ञानिकों एवं समाजसेवकों आदि ने इसे भारत तो बना दिया है। इस धरती को संवार भी दिया है लेकिन इसे निरंतर उच्‍चता की ओर ले जाने के लिये हमें भी अपने कर्तव्‍यों ने का निर्वहन करना होगा।

उन्‍होंने कहा कि कुम्‍भ भारत की आध्‍यात्‍मिक व सांस्‍कृतिक पहचान है। भारत और हिन्‍दुओं की पहचान है हाल में हुआ कुम्‍भ मेला। कोई इसे भारतीयता, कोई हिन्‍दुत्‍व तो कोई संस्‍कृति कहता है। संघ बीते 100 सालों से हिन्‍दू समाज को जागृत करता आ रहा है। इसीलिये संघ 100 वर्षों के पश्‍चात भी बढ़ता जा रहा है। हिन्‍दू समाज के साथ एक समस्‍या है कि इसे कोई महापुरुष आता है जगाता है। मगर वह फिर सो जाता है। ऐसा एक बार नहीं कई बार हुआ है। हिन्‍दू समाज को बार-बार जागृत करना होता है। मगर वह बार-बार सो जाता है। ऐसा ही कार्य डॉ हेडगेवार जी ने किया है। संघ ने सदैव हिन्‍दुओं को जगाने का कार्य किया है।

उन्‍होंने कहा कि आने वाले एक साल में शाखा का प्रत्‍येक कार्यकर्ता समाज में परिवर्तन लाने का कार्य करेंगे। इसके लिये संघ के पंच परिवर्तन के कार्य को हर मंडल, हर शाखा, हर टोली तक पहुंचाना होगा। यह कार्य करने के लिये हम सबको व्यापक स्‍तर पर तैयारी करनी होगी। स्‍वयंसेवक होने के नाते हम सबको समय देना होगा, हमें अनुशासन में रहना होगा। संघ का कार्य एक दृष्टि से साधना है।

दत्‍तात्रेय होसबाले ने कहा कि प्रत्‍येक कार्यकर्ता अपना मूल्‍यांकन करता रहे। वह जो भी गलती करता है, उससे सबक लेता है। उन्‍होंने कहा कि संघ के लोग आपदा के समय में प्रथम पंक्ति में खड़े रहते हैं। हमें कार्यकारिणी, अभ्‍यास वर्ग आदि की गुणवत्‍ता बढ़ानी चाहिये। हमारी गुणवत्‍ता की हर दिन परीक्षा होती है। यह आसान काम नहीं है। प्रतिदिन की शाखा देखने में तो आसान होती है मगर नियमित शाखा चलाना आसान नहीं है। जिंदगीभर संघ का कार्य करते हुए समाज का कार्य करने का हमने संकल्‍प लिया है। पूजा करने के समान ही संघ का कार्य भी पवित्र भाव से किया जाने वाला कार्य है। जब तक हिन्‍दू समाज है, हमें यह कार्य करना है।

इस अवसर पर उन्‍होंने कहा कि संघ हिन्‍दू राष्‍ट्र नहीं बना रहा है। हिन्‍दू राष्‍ट्र तो पहले से है। संघ हिन्‍दुओं को सेवाभावी हिन्‍दू बनाने एवं अकेले हिन्‍दू को शक्तिशाली बनाने का कार्य कर रहा है। जातीय हिन्‍दू को राष्‍ट्रीय हिन्‍दू बनाने का कार्य कर रहा है। हिन्‍दुओं को समरसता की धारा में लाने का कार्य संघ ने किया है। भले ही जन्‍म से वह हिन्‍दू है मगर उसके आचरण, स्‍वभाव और विचार से उसे सम्‍पूर्ण हिन्‍दू बनाने का कार्य संघ कर रहा है। समाज के अंदर परिवर्तन लाने का कार्य हम कर रहे हैं। भारत उठ रहा है, भारत उठेगा। भारत किसी को दास बनाने के लिये नहीं उठेगा, वह तो विश्‍व में मंगल लाने के लिये उठेगा।

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