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यूएस में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल, कहा- निष्पक्षता से समझौता कर लिया


एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने विदेशी दौरे पर भारत के लोकतंत्र और चुनाव आयोग को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं. राहुल गांधी ने इस दौरे के दौरान एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या और मतदान प्रतिशत में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की ओर इशारा करते हुए गंभीर सवाल उठाए और चुनाव आयोग को कटघरे में खड़ा किया. राहुल गांधी द्वारा उठाए गए इन सवालों पर बीजेपी ने जवाब भी दिया है और सवाल पूछा है कि आखिर राहुल गांधी विदेशी धरती पर जाकर ही लोकतंत्र पर सवाल क्यों खड़े करते हैं?

यूएस दौरे पर गए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा, "आसान भाषा में कहें तो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जितने युवा थे, उससे ज्यादा वोट डाले गए. ये एक सच्चाई है. हमें शाम 5:30 बजे तक के मतदान के आंकड़े मिले थे, लेकिन 5:30 से 7:30 बजे के बीच, जब वोटिंग बंद हो जानी चाहिए थी, उस समय 65 लाख लोगों ने वोट डाला." कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आगे कहा, "अब सोचिए, ये शारीरिक रूप से मुमकिन ही नहीं है क्योंकि एक व्यक्ति को वोट डालने में करीब 3 मिनट लगते हैं. अगर हिसाब लगाएं तो इसका मतलब है कि रात 2 बजे तक लोग लाइन में लगे रहे और पूरी रात वोटिंग चलती रही, जोकि सच नहीं है. ऐसा हुआ ही नहीं."


इतना ही नहीं राहुल गांधी ने आगे कहा, "हमने चुनाव अधिकारियों से पूछा कि क्या वोटिंग की वीडियोग्राफी हो रही है. उन्होंने न सिर्फ मना कर दिया बल्कि उन्होंने कानून भी बदल दिया. अब आप वोटिंग की वीडियोग्राफी की मांग भी नहीं कर सकते." राहुल गांधी ने कहा, "हमारे लिए ये साफ था कि चुनाव आयोग ने अपनी निष्पक्षता से समझौता कर लिया है. सिस्टम में कुछ बहुत बड़ी गड़बड़ी है, ये बिल्कुल साफ दिख रहा है. हमने यह बात खुलकर कही है और मैंने खुद कई बार यह बात दोहराई है."
हालांकि राहुल गांधी महाराष्ट्र चुनावों को लेकर जो सवाल उठा रहे हैं. इन सवालों का जवाब चुनाव आयोग की तरफ से लगातार दिया जाता रहा है. चुनाव आयोग के मुताबिक, राहुल गांधी और कांग्रेस नेताओं के द्वारा लगाए जा रहे आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं. चुनाव आयोग की तरफ से इसको लेकर आंकड़ा भी जारी किया जा चुका है. चुनाव आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र विधानसभा में 9 करोड़ से ज्यादा मतदाता थे लेकिन महाराष्ट्र की मतदाता सूची में सुधार के लिए महज 89 अपील ही दी गईं.

इनमें 89 को जिला निर्वाचन अधिकारी के स्तर पर ही निपटा दिया गया, जबकि एक शिकायत बाद में राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CO) तक पहुंची थी. सुनवाई के बाद उसका भी निपटारा कर दिया गया. ऐसे में चुनाव आयोग की तरफ से सवाल पूछा जा चुका है कि जब मतदान होने से काफी वक्त पहले ही तमाम राजनीतिक दलों और उनके प्रतिनिधियों को वोटर लिस्ट के बारे में पूरी जानकारी दे दी जाती है तो आखिर तब गड़बड़ी के आरोप क्यों नहीं लगता क्यों नतीजे सामने आने के बाद ही इस तरह के तथ्यों से परे आरोप लगाए जाते हैं.


चुनाव आयोग ने इसके साथ ही बढ़े हुए मतदान प्रतिशत पर भी जवाब देते हुए कह चुका है कि मतदान प्रतिशत को लेकर भी लगाए जा रहे हैं. आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं क्योंकि जब तक मतदान चलता है तब राजनीतिक दल और उनके उम्मीदवारों की प्रतिनिधि मतदान स्थल पर मौजूद होते हैं और मतदान खत्म होने के बाद जब वह चुनाव आयोग द्वारा दिए गए फार्म पर हस्ताक्षर करते हैं. उसी के बाद ही मतपेटी ( EVM) को सील किया जाता है. ऐसे में विपक्षी पार्टियों के द्वारा लगाए जा रहे तमाम आरोपी को चुनाव आयोग पहले भी खारिज कर चुका है लेकिन इस सबके बावजूद राहुल गांधी ने एक बार फिर से विदेशी धरती पर जाकर चुनाव आयोग और चुनावी प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठा दिए हैं.

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