तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण सिर्फ एक चाल-कन्हैया कुमार
April 11, 2025
कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने गुरुवार (10 अप्रैल) को मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, “2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा का अमेरिका से प्रत्यर्पण BJP की एक चाल है ताकि विभिन्न वादों को पूरा करने में केंद्र सरकार की विफलता से जनता का ध्यान भटकाया जा सके.”
कन्हैया कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के लिए एक बड़ी ‘कूटनीतिक सफलता’ है.
उन्होंने कहा, “भाजपा के पास बताने लायक कोई उपलब्धि नहीं है, इसलिए वह किसी न किसी बहाने जनता के मुद्दों को भटकाने की कोशिश करती है. वक्फ संशोधन विधेयक इसका एक और उदाहरण है. केंद्र सरकार ने दावा किया कि वह गरीब मुसलमानों के लाभ के लिए यह कानून ला रही है. इस बात पर कौन विश्वास करेगा, जबकि यह सरकार समुदाय के लोगों को अपनी छतों पर नमाज अदा करने की अनुमति नहीं देती है?”
जेएनयू के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, “हम सभी को अनुच्छेद 370 के हटने के बाद उनकी बयानबाजी याद है. हर भाजपा नेता कह रहा था कि अब बिहार और देश के अन्य हिस्सों के लोग कश्मीर में जमीन खरीद सकेंगे. मुझे एक भी व्यक्ति दिखाइए जो तब से वहां संपत्ति खरीद पाया हो.”
उल्लेखनीय है कि 38 साल के कन्हैया कुमार पहली बार साल 2016 में सुर्खियों में आए थे, जब जेएनयू परिसर के अंदर एक प्रदर्शन में भाग लेने के कारण उन पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. इस प्रदर्शन में कथित तौर पर कश्मीरी अलगाववादी आंदोलन के समर्थन में नारे लगाए गए थे.
वहीं, फिलहाल पूर्व वामपंथी नेता बेरोजगारी और पलायन पर जनमत जुटाने के उद्देश्य से राज्यव्यापी ‘पलायन रोको, नौकरी दो पदयात्रा’ के तहत बिहार का दौरा कर रहे हैं. हालांकि, इस सप्ताह की शुरुआत में पदयात्रा को तब व्यापक जनसमर्थन मिला जब कुमार के साथ पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी बेगूसराय में शामिल हुए
यह पूछे जाने पर कि क्या राजद नेता तेजस्वी यादव को किसी भी स्तर पर पदयात्रा में आमंत्रित किया गया था, इस पर कन्हैया कुमार ने कहा, “अगर मेरे परिवार में कोई शादी होती तो मैं लोगों को आमंत्रित कर सकता था. लेकिन यह पदयात्रा कोई दावत नहीं है. लोग अपनी मर्जी से हमारे साथ आ रहे हैं. राहुल गांधी भी अपनी मर्जी से आए थे. बिहार के हर व्यक्ति का हमारे साथ शामिल होने के लिए स्वागत है.”
कन्हैया कुमार ने 2019 का लोकसभा चुनाव अपने गृह क्षेत्र बेगूसराय से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के टिकट पर लड़ा था. उनसे जब भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उस आरोप के बारे में पूछा गया कि राज्य में दशकों पहले कांग्रेस के शासन के दौरान पलायन शुरू हुआ था, तो उन्होंने कहा, “अगर हम अतीत की ही बात करते हैं, तो हमें स्वीकार करना होगा कि लोगों ने ब्रिटिश राज के दौरान पलायन शुरू कर दिया था. वे बंधुआ मजदूर के रूप में दूर मॉरीशस गए थे. उनके वंशज आज उस देश पर शासन कर रहे हैं.”
युवा कांग्रेस नेता ने कहा, “बड़ा अंतर यह है कि पहले लोग बेहतर, अधिक आशाजनक स्थिति, नौकरी की तलाश में पलायन कर रहे थे. हालांकि, अब वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है. कोविड-19 महामारी के दौरान सामने आए आंकड़ों के अनुसार, ‘लॉकडाउन’ के बाद 70 लाख प्रवासी बिहार लौट आए थे. कोई नहीं जानता कि उनके साथ क्या हुआ.’’
कुमार ने कहा, “कल अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के महासचिव सचिन पायलट पटना में हमारे साथ यात्रा में शामिल होंगे.” उन्होंने कहा, “मैंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मिलने का समय मांगा है, जिनके समक्ष मैं राज्य की यात्रा के दौरान प्राप्त अनुभवों का सारांश प्रस्तुत करना चाहता हूं. हालांकि, मौजूदा हालात को देखते हुए मुझे संदेह है कि वह मिलने के लिए सहमत होंगे.”
कांग्रेस नेता ने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के आरोपों को लेकर निराशा जताई, जिन्होंने कुमार पर “भारत को विघटित करने” के प्रयासों के साथ “विभाजनकारी राजनीति” करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा, “चिराग की तरह, मैं किसी शीर्ष नेता के घर पैदा नहीं हुआ. अगर उन्हें लगता है कि मैं इतना विध्वंसक हूं, तो उन्हें अपनी सरकार से मुझे जेल में डालने के लिए कहना चाहिए. वह एक युवा नेता हैं, जिन्हें मैं शुभकामनाएं देता हूं. अगर वह अपनी क्षमता के अनुसार उन मुद्दों को उठाते हैं जिन्हें मैं उजागर करने की कोशिश कर रहा हूं, तो मैं वास्तव में उनकी सराहना करूंगा.”