Type Here to Get Search Results !
BREAKING NEWS

विधेयक के प्रावधानों से वक्फ बोर्ड के तहत आने वाली संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के कारण देश के गरीब मुसलमानों का कल्याण हो सकेगा-किरेन रिजिजू


राज्यसभा में गुरुवार को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर पहले सरकार और फिर संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) ने विभिन्न पक्षों से व्यापक विचार विमर्श किया और इसके जरिये वक्फ बोर्ड को समावेशी बनाया गया है.

रीजीजू ने ये बात उच्च सदन में वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 और वक्फ (संशोधन) विधेयक को चर्चा एवं पारित करने के लिए रखने के दौरान कही. उन्होंने कहा कि साल 2006 में 4.9 लाख वक्फ संपत्ति देश में थीं और इनसे कुल आय मात्र 163 करोड़ रुपये की हुई, वहीं 2013 में बदलाव करने के बाद भी आय महज तीन करोड़ रुपये बढ़ी. उन्होंने कहा कि आज देश में कुल 8.72 लाख वक्फ संपत्ति हैं.

रिजिजू ने आगे कहा कि विधेयक में वक्फ संपत्ति को संभालने वाले मुतवल्ली, उसके प्रशासन और उस पर निगरानी का एक प्रावधान है. रीजीजू ने कहा, ‘किसी भी तरीके से वक्फ बोर्ड वक्फ संपत्ति का प्रबंधन नहीं करता और उसमें हस्तक्षेप नहीं करता.'’

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने 2013 में इस कानून में संशोधन के लिए लाये गये विधेयक पर बनी जेपीसी और वर्तमान जेपीसी के कामकाज की तुलना करते हुए कहा कि उसकी तुलना में नयी समिति के सदस्यों की संख्या, बैठकों की संख्या, विचार विमर्श करने वाले राज्यों की संख्या बहुत अधिक है.

उन्होंने कहा कि इस विधेयक के जरिये वक्फ मामलों में मुसलमानों के अलावा किसी अन्य का हस्तक्षेप नहीं होगा और इस बारे में जो भी भ्रांतियां फैलायी जा रही हैं, वे निराधार हैं

रिजिजू ने कहा कि विधेयक में जिस परमार्थ आयुक्त (चैरिटी कमिश्नर) की व्यवस्था की गयी है, उसका काम केवल इतना है कि वक्फ बोर्ड और उसके तहत आने वाली जमीनों का प्रबंधन ठीक से हो रहा है कि नहीं. उन्होंने कहा कि कि इसके माध्यम से सरकार और वक्फ बोर्ड मस्जिद समेत किसी धार्मिक संस्था के किसी धार्मिक कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करेंगे.

उन्होंने केरल उच्च न्यायालय और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड एक वैधानिक इकाई है और इसके मुतवल्ली की जिम्मेदारी धर्मनिरपेक्ष किस्म की है, धार्मिक किस्म की नहीं. उन्होंने कहा कि इन अदालतों के मुताबिक मुतवल्ली के ऊपर निगरानी रखने के लिए वक्फ बोर्ड बनाए गए हैं.

रिजिजू ने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से ऐन पहले 5 मार्च 2014 को उस समय की संप्रग सरकार ने आवासन और शहरी विकास मंत्रालय के अधीन 123 मुख्य संपत्तियों को दिल्ली वक्फ बोर्ड को हस्तांतरित कर दिया.

रीजीजू ने कहा कि 2013 के संशोधन के अनुसार कोई भी व्यक्ति वक्फ कर सकता है. उन्होंने कहा कि नये विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि पांच साल से इस्लाम धर्म का पालन करने वाला व्यक्ति ही जमीन वक्फ कर सकता है.

उन्होंने कहा कि नये विधेयक में इस्लाम के सभी फिकरों के सदस्यों को वक्फ बोर्ड में स्थान दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा इस विधेयक को समावेशी बनाना है. मंत्री ने कहा कि इस विधेयक के पारित होने के बाद लागू होने वाले कानून को नया नाम ‘उम्मीद’ (यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट एमपॉवरमेंट, एफिशियंसी एंड डवलपमेंट) अधिनियम दिया गया है, जिससे किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए.

रीजीजू के अनुसार कहा जाता है कि भारत में रेलवे और रक्षा विभाग के बाद सबसे अधिक संपत्ति वक्फ बोर्ड के पास है. उन्होंने कहा कि देखा जाए तो विश्व में सबसे अधिक संपत्ति वक्फ बोर्ड के पास है क्योंकि रेलवे और रक्षा विभाग की जमीन तो जनता की, देश की संपत्ति है.

उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर वक्फ से जुड़े मामले का समाधान निकल गया है तो इस विधेयक के प्रावधान ऐसे मामलों पर लागू नहीं होंगे लेकिन कोई मामला अदालत में विचाराधीन है तो उसके लिए कुछ नहीं किया जा सकता

उन्होंने कहा कि इस विधेयक के प्रावधानों से वक्फ बोर्ड के तहत आने वाली संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के कारण देश के गरीब मुसलमानों का कल्याण हो सकेगा और उनके उत्थान में मदद मिलेगी. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि विधेयक में प्रावधान किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति अपनी जमीन वक्फ करना चाहता है तो उसमें विधवा या तलाश शुदा महिला अथवा यतीम बच्चों के अधिकार वाली संपत्ति को वक्फ नहीं किया जा सकेगा.

उन्होंने कहा कि इसके अलावा राष्ट्रीय संपत्ति या भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तहत आने वाले स्मारकों या जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि आज वक्फ से संबंधित मामलों में 31 हजार से अधिक मामले लंबित हैं इसलिए वक्फ न्यायाधिकरण को मजबूत बनाया गया है.

उन्होंने कहा कि विधेयक में अपील के अधिकार का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि यदि व्यक्ति को लगता है कि उसे वक्फ न्यायाधिकरण में न्याय नहीं मिला है तो वह दीवानी अदालतों में अपील कर सकता है.

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Design by - Blogger Templates |