वक्फ कानून: मुसलमानों का गुस्सा होना स्वाभाविक-मायावती
April 12, 2025
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने शनिवार को वक्फ कानून को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना की। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एक्स हैंडल पर कहा कि राहुल गांधी ने संसद में लंबी बहस के दौरान वक्फ (संशोधन) विधेयक पर नहीं बोला। इस मुद्दे पर मुसलमानों का गुस्सा होना स्वाभाविक है।
मायावती ने ट्वीट कर कहा कि वक्फ संशोधन बिल पर लोकसभा में हुई लंबी चर्चा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का कुछ नहीं बोलना अर्थात सीएए की तरह संविधान उल्लंघन का मामला होने के विपक्ष के आरोप के बावजूद इनका चुप्पी साधे रहना क्या उचित? इसे लेकर मुस्लिम समाज में आक्रोश व इनके इंडिया गठबंधन में भी बेचैनी स्वाभाविक है।
बसपा प्रमुख ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि वैसे भी देश में बहुजनों के हित, कल्याण एवं सरकारी नौकरी व शिक्षा आदि में इन वर्गों के आरक्षण के अधिकार को निष्प्रभावी व निष्क्रिय बनाकर इन्हें वंचित बनाए रखने के मामले में कांग्रेस, भाजपा आदि ये पार्टियां बराबर की दोषी हैं। धार्मिक अल्पसंख्यकों को भी इनके छलावा से बचना जरूरी है।
पूर्व सीएम ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि इनके ऐसे रवैयों के कारण उत्तर प्रदेश में भी बहुजनों की स्थिति हर मामले में काफी बदहाल व त्रस्त जबकि भाजपाइयों को कानून हाथ में लेने की छूट है। साथ ही, बिजली व अन्य सरकारी विभागों में बढ़ते हुए निजीकरण से हालात चिन्तनीय है। सरकार को जनकल्याण का संवैधानिक दायित्व सही से निभाना चाहिए।
बसपा प्रमुख ने इससे पहले गुरुवार को केंद्र से नए वक्फ कानून के प्रावधानों पर पुनर्विचार करने और इसे फिलहाल निलंबित करने की अपील की थी। मायावती ने कहा कि हाल ही में पारित अधिनियम में वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने का प्रावधान प्रथम दृष्टया अच्छा नहीं लगता है। केंद्र ने मंगलवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को अधिसूचित किया, जिसे दोनों सदनों में गरमागरम बहस के बाद संसद से पारित होने के बाद 5 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सहमति मिली। विधेयक को राज्यसभा में 128 सदस्यों ने पक्ष में और 95 ने विरोध में पारित किया। लोकसभा में 288 सदस्यों ने इसका समर्थन और 232 सांसदों ने विरोध किया था।