वक्फ संशोधन एक्ट: 5 याचिकाएं काफी, अगर कुछ नया कहने को है तो आवेदन दीजिए-सुप्रीम कोर्ट
April 29, 2025
वक्फ संशोधन एक्ट पर नई याचिकाओं को सुनने से सुप्रीम कोर्ट ने मना किया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा है कि उसने 5 याचिकाओं पर ही सुनवाई का फैसला लिया है. अगर कोई कुछ अलग से कहना चाहता है, तो उसे उन्हीं याचिकाओं में दखल के लिए आवेदन देना होगा.
मंगलवार (29 अप्रैल, 2025) को सुप्रीम कोर्ट में 24 ऐसी याचिकाएं लगी थीं, जो पिछली बार सुनवाई की लिस्ट में जगह नहीं पा सकी थीं. इनमें कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी, टीएमसी नेता डेरेक ओब्रायन, नेशनल कांफ्रेंस विधायक अर्जुन सिंह राजू और तस्लीम रहमानी जैसे लोगों की याचिकाएं शामिल थीं. कोर्ट ने किसी भी याचिका को भविष्य में सूचीबद्ध करने से मना कर दिया.
ध्यान रहे कि वक्फ संशोधन एक्ट पर लगभग 200 याचिकाएं दाखिल हो जाने के बाद चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने तय किया था कि वह 5 याचिकाओं को ही सुनेगा. नए याचिकाकर्ताओं ने अपनी बात सुने जाने की मांग की. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा, "बहुत सी याचिकाएं एक दूसरे से हूबहू मिलती हैं. अगर कोई अपनी बात रखना चाहता है, तो उसे मेहनत करनी चाहिए."
17 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सैकड़ों की संख्या में दाखिल सभी याचिकाओं को सुन पाना उसके लिए संभव नहीं है. ऐसे में याचिकाकर्ता बताएं कि कौन सी 5 याचिकाओं को कोर्ट सुने. याचिकाकर्ताओं की तरफ से सौंपी गई लिस्ट के मुताबिक कोर्ट ने भविष्य में इन पांच याचिकाओं पर ही सुनवाई की बात कही थी :-
1. अरशद मदनी
2. मोहम्मद जमील मर्चेंट
3. मोहम्मद फजलुर्रहीम
4. शेख नुरुल हसन
5. असदुद्दीन ओवैसी
कोर्ट ने साफ किया था कि इन याचिकाओं को भी भविष्य में याचिकाकर्ता के नाम की बजाय In Re: Waqf Amendment Act, 2025.” (स्वतः संज्ञान : वक्फ संशोधन कानून, 2025) की याचिका 1, 2, 3, 4 और 5 लिखा जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट में मुख्य मामले की सुनवाई 5 मई को होनी है. फिलहाल सरकार ने किसी वक्फ संपत्ति को डिनोटिफाइ न करने और वक्फ बोर्ड/वक्फ काउंसिल में नई नियुक्ति न करने का आश्वासन कोर्ट को दे रखा है.