भ्रष्टाचार का आरोप: सीबीआई ने नासिक के आर्मी एविएशन सेंटर में तैनात 16 के खिलाफ दर्ज किए 11 मामले
April 11, 2025
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने नासिक के आर्मी एविएशन सेंटर (एएसी) में तैनात ऑडिटर, अकाउंट अधिकारी और क्लर्क समेत 16 लोगों के खिलाफ 11 अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं. इन आरोपियों पर अनुचित लाभ लेने के लिए भ्रष्टाचार करने का आरोप है.
सीबीआई की जांच में यह बात सामने आई है कि नासिक के आर्टिलरी और एएसी, नासिक के रिकॉर्ड ऑफिस में तैनात अज्ञात अधिकारियों की मिलीभगत से CGDA, नासिक में तैनात ऑडिटर और सहायक लेखा अधिकारी (AAO) रैंक के अधिकारी सेना कर्मियों से वास्तविक भुगतान के समय पर भुगतान के लिए पैसे का अनुचित लाभ लिया जाता हैं
CBI की रिपोर्ट के मुताबिक, 13 नवंबर, 2024 को एएसी नासिक में सीबीआई एसीबी, मुंबई के अधिकारियों की टीम ने रक्षा लेखा (सेना) के प्रधान नियंत्रक के अधिकारियों के साथ मिलकर AAC, नासिक में एक ज्वाइंट सरप्राइज चेकिंग की थी, ताकि एएसी नासिक के कर्मचारियों के किए जा रहे आपराधिक कदाचार के आरोपों की पुष्टि की जा सके.
इस जांच में पता चला कि वहां तैनात लोकसेवक भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. वे अपने बैंक अकाउंट या अपने परिचित, परिवार के सदस्यों और मित्रों के बैंक अकाउंट्स में वास्तविक भुगतानों के समय पर वितरण के लिए सेना के कर्मियों से अनुचित लाभ की मांग कर रहे और उसे स्वीकार भी कर रहे हैं.
इस जांच में आरोपी लोकसेवक और निजी व्यक्तियों के बीच व्हाट्सएप चैट से लेन-देन व बातचीत से संबंधित आपत्तिजनक संपर्क पाए गए हैं. आरोपी लोकसेवकों के मोबाइल फोन की जांच से पता चला कि उनके आधिकारिक कर्तव्य के लिए रिश्वत की मांग और स्वीकृति के बारे में कई व्यक्तियों के साथ व्हाट्सएप चैट की गई थी.
रिश्वत से संबंधित लेन-देन का विवरण और रिश्वत के पैसे प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किए गए बैंक अकाउंट्स को जानकारी भी मिली है. जांच में यह भी पता चला कि आरोपी व्यक्तियों ने अन्य लोगों के साथ मिलकर विभिन्न आधिकारिक लेन-देन के लिए सेना के कर्मियों से उनके आधिकारिक कर्तव्यों के निष्पादन के लिए अनुचित लाभ की मांग की और उसे स्वीकार भी किया.
इस जांच में आरोपी लोकसेवक और निजी व्यक्तियों के बीच व्हाट्सएप चैट से लेन-देन व बातचीत से संबंधित आपत्तिजनक संपर्क पाए गए हैं. आरोपी लोकसेवकों के मोबाइल फोन की जांच से पता चला कि उनके आधिकारिक कर्तव्य के लिए रिश्वत की मांग और स्वीकृति के बारे में कई व्यक्तियों के साथ व्हाट्सएप चैट की गई थी.
रिश्वत से संबंधित लेन-देन का विवरण और रिश्वत के पैसे प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किए गए बैंक अकाउंट्स को जानकारी भी मिली है. जांच में यह भी पता चला कि आरोपी व्यक्तियों ने अन्य लोगों के साथ मिलकर विभिन्न आधिकारिक लेन-देन के लिए सेना के कर्मियों से उनके आधिकारिक कर्तव्यों के निष्पादन के लिए अनुचित लाभ की मांग की और उसे स्वीकार भी किया.