Type Here to Get Search Results !
BREAKING NEWS

परिसीमन पर तंज: जल्दी-जल्दी बच्चे पैदा करो-एमके स्टालिन


दक्षिण भारतीय राज्यों से परिसीमन के विरोध को लेकर पिछले कुछ दिनों में कई बयान सामने आए हैं. दक्षिण के सभी विपक्षी दलों के नेता परिसीमन के खिलाफ हैं. विरोध के स्वर तमिलनाडु में सबसे तेज हैं. सीएम एमके स्टालिन इस मुद्दे पर लगातार केंद्र पर निशाना साध रहे हैं. अब उन्होंने एक नए अंदाज में परिसीमन का विरोध किया है. एमके स्टालिन ने एक शादी समारोह में परिसीमन पर मजेदार तंज कसते हुए वर-वधू को जल्दी बच्चे पैदा करने की सलाह दे डाली ताकि तमिलनाडु को भी परिसीमन का लाभ मिल सके. 

नागपट्टिनम में DMK के जिला सचिव के विवाह समारोह में स्टालिन ने कहा, 'मैं पहले नवविवाहितों से फैमिली प्लानिंग के लिए थोड़ा वक्त लेने को कहता था, लेकिन अब परिसीमन जैसी नीतियों के कारण जिसे केंद्र सरकार लागू करने की योजना बना रही है, मैं ऐसा नहीं कहूंगा. तमिलनाडु में हमने परिवार नियोजन पर ध्यान केंद्रित किया और जनसंख्या नियंत्रित करने में सफल रहे, लेकिन इस मामले में हमारी सफलता ने ही हमें मुश्किल परिस्थिति में डाल दिया है. इसलिए मैं अब नवविवाहितों से कहूंगा कि वे जल्दी-जल्दी बच्चे पैदा करें.'

परिसीमन एक संवैधानिक प्रक्रिया है. इसके आधार पर देश में लोकसभा और विधानसभा के निर्वाचन क्षेत्रों का आकार और संख्या तय होती है. हर जनगणना के बाद इसे किए जाने का प्रावधान है क्योंकि आबादी के हिसाब से ही निर्वाचन क्षेत्र तय होते हैं. हालांकि पिछले 50 सालों से इसे रोक दिया गया. पहले साल 1976 में इंदिरा गांधी सरकार ने संविधान संशोधन कर इस पर 25 साल के लिए रोक लगाई. इसके बाद अटल सरकार ने साल 2001 में इसे 25 सालों के लिए टाल दिया. अब साल 2026 में यह वक्त पूरा हो जाएगा. ऐसे में इस बार परिसीमन प्रक्रिया शुरू हो सकती है.

परिसीमन में आबादी के हिसाब से राज्यों में लोकसभा सीटें आवंटित होंगीं. ऐसे में उत्तर भारतीय राज्यों के हिस्से में ज्यादा सीटें आएंगी क्योंकि दक्षिण के मुकाबले उत्तर भारत में जनसंख्या में ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. एक अनुमान के मुताबिक प्रति 20 लाख आबादी पर एक लोकसभा सीट तय की जाए तो देश में 543 की जगह 753 लोकसभा सीटें होंगी. ऐसे में दक्षिण और उत्तर भारत के सीट अनुपात में बड़ा फर्क आएगा.

दक्षिण भारत के 5 राज्यों (तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल) में वर्तमान में लोकसभा की 129 सीटें हैं. यानी लोकसभा की कुल 543 सीटों को 24% सीटें दक्षिण भारतीय राज्यों से आता है. नए परिसीमन के बाद इन पांच राज्यों में 15 सीटों का इजाफा होगा और कुल सीटें 144 हो सकती हैं लेकिन कुल 743 सीटे होने के कारण लोकसभा में तब दक्षिण भारतीय राज्यों का प्रतिनिधित्व केवल 19 फीसदी रह जाएगा. यानी 5 प्रतिशत की कटौती हो जाएगी.

वहीं, उत्तर भारत के कुछ राज्यों की लोकसभा सीटों में बहुत ज्यादा इजाफा होगा. यूपी में 80 से 128, बिहार में 40 से 70, मध्य प्रदेश में 29 से 47, राजस्थान में 25 से 44 लोकसभा सीटें हो जाएंगी. इसी तरह बाकी उत्तर भारतीय राज्यों में भी लोकसभा सीटों की संख्या में भारी बढ़ोतरी होगी. यही कारण है कि स्टालिन ने बच्चे पैदा करने के लिए तंज कसा क्योंकि जिन राज्यों ने जनसंख्या नियंत्रण पर ध्यान नहीं दिया, वहां परिसीमन का फायदा मिलेगा. 

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Design by - Blogger Templates |