लखनऊः वेतन और पेंशन को लेकर उप्र जल निगम मुख्यालय पर तीन दिवसीय धरना प्रारम्भ, मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने की अपील
March 04, 2025
लखनऊ। उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) के कार्यरत कर्मिकों एवं पेंशन धारकों को माह अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 (05 माह) तक का वेतन, पेंशन न मिलने के कारण उनकी आर्थिक परेशानियाँ अत्याधिक बढ़ गई है। धरना स्थल पर हुई सभा में सदस्यों को सम्बोधित करते हुए महासचिव ई. एके सिंह ने कहा कि वर्ष 2021 में जब से उप्र जल निगम को दो निगमों में विभक्त किया गया है तब से उप्र जल निगम (नगरीय) की आर्थिक स्थिति पहले से ज्यादा बिगड़ गयी है और उसमें कार्यरत कार्मिक और पेंशन धारक समस्याओं की मकड़जाल में उलझ गये है और उनका कोई पुरसाहा नहीं है। तमाम पत्रों के द्वारा प्रदेश कर सरकार एवं उप्र जल निगम (नगरीय) प्रशासन को अवगत कराने के बाद भी समस्याओं का निदान करने की दिशा में कोई पहल नहीं की गयी है। जिससे कार्यरत कर्मचारी और पेंशन धारक आन्दोलन के माध्यम से अपनी समस्या व्यक्त करने के लिए बाध्य हुए है।
एकीकृत मोर्चा के प्रांतीय उपाध्यक्ष राम सनेही यादव ने बताया कि 4141 पदों से आच्छादित नियमित कर्मचारी फील्ड को पूर्णयता असंवैधानिक तारीके से उनकी नियुक्ति तिथि से 5 वर्ष में नियमित न करते हुए वर्ष 2011 से नियमित कर उनकी सेवाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, उनको सेवाध्पेंशनरी लाभ से वंचित किया जा रहा है और पहले से ही आर्थिक रूप से असहाय कर्मचारियों को मुकदामे के बोझ तले दबाया जा रहा है। वर्ष 1984 में स्वीकृत 10581 पदों के सापेक्ष नियमित किये गये। 1007 कर्मियों को भी 4141 पदों से आच्छादित कर उन्हें परेशान किया जा रहा है। जिससे उनके परिवारों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
सभा को सम्बोधित करते हुए मोर्चा के प्रांतीय उपाध्यक्ष गिरीश कुमार यादव ने कहा कि उप्र जल निगम के अधिकारियों की मानवीय सम्वेदना इतनी कम हो गयी है कि वह अपने मृतक कर्मचारियों के आश्रित कि अनुकम्पा नियुक्ति प्रक्रिया को स्थगित कर दी है, जिस कारण मृतक आश्रित का परिवार जन दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं।
इं० अनूप कुमार सक्सेना पूर्व प्रबन्ध निदेशक उप्र जल निगम एवं सलाहकार एकीकृत संघर्ष मोर्चा ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि उप्र जल निगम एक्ट 1975 के आर्टिकल 31 के प्रभावी होने के बावजूद उप्र जल निगम कर्मियोंध्पेंशनरों को सातवें वेतनमान अभी तक प्रदान नहीं किया गया, जबकि शासकीय कार्मिकों एवं पेंशनरों को यह लाभ दिनांक एक् जनवरी 2016 से प्रदान किया जा चुका है।
एकीकृत मोर्चा के प्रांतीय उपाध्यक्ष ई. भीमराज ने कहा कि जल निगम कर्मिकोंध्पेंशनरों को मंहगाई भत्ताध्राहत 212ः दिया जा रहा है, जबकि शासन द्वारा इसे 246ः कर दिया गया है। इस कारण हम लोगों को ही आर्थिक स्थिति और भी कमजोर करने का प्रयास जल निगम (प्रशासन) द्वारा किया जा रहा है।
ई. राम सेवक शुक्ल सलाहकार ने बताया कि उप्र जल निगम में कार्मिकोंध्पेंशनरों के सुलभ इलाज के लिए कैशलेश चिकित्सा व्यवस्था लागू की जानी चाहिए। केके वर्मा, सलाहकार ने कहा जल निगम के पेंशन धारकों की पेंशन पावर कारपोरेशन की भाँति राजकीय कोषगार (ट्रेजरी) से प्रदान की जायें। सभा को इं. गौरी शंकर शुक्ला प्रांतीय उपाध्यक्ष, ई. आरपी गुप्ता मीडिया प्रभारी, इं. डीएन यादव पूर्व अधी. अभि., इं. आनन्द कुमार पूर्व अधी. अभि., इं. संजय सिंह पूर्व मुख्य अभियन्ता, इं वीपी सिंह पूर्व परियोजना प्रबन्धक, इं. एएन शुक्ला पूर्व परियोजना प्रबन्धक, इं. राजीव श्रीवास्तव पूर्व परियोजना प्रबन्धक, इं. राजकुमार यादव, रविशंकर राय, कैलाश यादव, इं. ओपी सचान आदि ने सम्बोधित किया। सभा में लखनऊ, रायबरेली, उन्नाव, सीतापुर, हरदोई, लखीमपुर खीरी, सुल्तानपुर, अयोध्या, कानपुर नगर, कानपुर देहात, इटावा, औरैया तथा बाराबंकी के कर्मिकों व पेंशनरों द्वारा भागीदारी दी गई।
धरने की अध्यक्षता इं. सैय्यद अतहर कादिरी प्रांतीय अध्यक्ष द्वारा की गयी एवं सभा का संचालन ई. एके सिंह महासचिव द्वारा किया गया।