तमिलनाडु के डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन को सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत
March 06, 2025
सनातन धर्म को लेकर बीते दिनों तमिलनाडु के डिप्टी सीएम उदयनिधि स्टालिन ने विवादित बयान दिया था। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां उन्हें आज राहत मिली है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनुमति के बिना इस मामले में कोई और केस दर्ज नहीं होगा। वहीं गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण बरकरार रहेगा। बिहार मामले में नए केस पर भी सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है, जिसपर अप्रैल महीने में सुनवाई होगी। प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने सनातन धर्म पर टिप्पणी के संबंध में उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ दर्ज मामलों में उन्हें बलपूर्वक कार्रवाई से संरक्षण देने वाले अंतरिम आदेश की वैधता की अवधि बढ़ा दी।
द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता ने सितंबर 2023 में एक सम्मेलन में कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है और इसका ‘‘उन्मूलन’’ किया जाना चाहिए। उन्होंने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू से करते हुए कहा था कि इसे नष्ट कर दिया जाना चाहिए। स्टालिन की इस टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ महाराष्ट्र, बिहार, जम्मू और कर्नाटक सहित देश के विभिन्न हिस्सों में कई प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। वहीं दूसरी तरफ परिसीमन के मामले पर उदयनिधि स्टालिन लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं। इस बाबत बीते दिनों डीएमके ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें तमिलनाडु की सभी छोटी-बड़ी पार्टियों को न्यौता दिया गया था।
इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी परिसीमन प्रक्रिया पर पांच मार्च को होने वाली सर्वदलीय बैठक में हिस्सा नहीं लेगी और उन्होंने मुख्यमंत्री एम के स्टालिन पर इस मामले को लेकर ‘‘काल्पनिक भय’’ फैलाने का आरोप लगाया। अन्नामलाई ने स्टालिन को लिखे पत्र में कहा कि उनकी पार्टी का दृढ़ विश्वास है कि उन्होंने परिसीमन प्रक्रिया को गलत समझा है और ‘‘अपने काल्पनिक भय को फैलाने तथा इसके बारे में जानबूझकर झूठ बोलने’’ के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जबकि कोई आधिकारिक बयान अभी नहीं आया है।