तेलंगाना में श्रीसैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग हादसे ने राज्य की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है. इस घटना के बाद, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेता केटी रामाराव (केटीआर) हरीश राव और मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.
केटीआर ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में एसएलबीसी सुरंग के निर्माण में लापरवाही बरती गई थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 2005 से 2014 तक केवल 22.89 किलोमीटर सुरंग का निर्माण किया, जबकि बीआरएस सरकार ने 12 किलोमीटर सुरंग का निर्माण बिना किसी दुर्घटना के पूरा किया. केटीआर ने मुख्यमंत्री पर यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने बिना उचित योजना के काम शुरू किए, जिससे यह हादसा हुआ. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अब अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए बीआरएस सरकार पर आरोप लगा रहे हैं.
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने केटीआर के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि बीआरएस सरकार ने एसएलबीसी सुरंग के कार्यों को अधूरा छोड़ दिया था और फंड जारी नहीं किए थे, जिससे परियोजना में देरी हुई. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाया और तकनीकी समस्याओं का समाधान किया. रेवंत रेड्डी ने कहा कि यह हादसा दुर्भाग्यपूर्ण है और इस समय सभी को राजनीति से ऊपर उठकर एकजुट होना चाहिए.
इस बीच हरीश राव और रेवंत रेड्डी के बीच निजी आरोप-प्रत्यारोप भी देखने को मिले. जहां हरीश राव ने मुख्यमंत्री पर हादसे के दौरान बचाव कार्यों को छोड़ चुनाव प्रचार में व्यस्त रहने का आरोप लगाया, वहीं रेवंत रेड्डी ने उन पर पर अबू धाबी में निजी समारोह में शामिल होने का आरोप लगाया.
इस दौरान हादसे के दसवें दिन भी नगर कुरनूल में SLBC टनल में फंसे आठ कर्मचारियों की खोज में टीम जुटी रही . मुख्यमंत्री ने रविवार को मौके पर पहुंच जयजा लिया और फंसे लोगों को ढूंढने में हर संभव तकनीक और प्रयास का भरोसा दिया .
