लखनऊ: अवध शिल्प ग्राम के बकाया गृहकर की वसूली के लिए नगर निगम ने बैंक खाते किए सीज
February 27, 2025
लखनऊ। राजधानी के अवध शिल्प ग्राम, अवध विहार योजना के खिलाफ नगर निगम ने एक कड़ा कदम उठाया है। अवध शिल्प ग्राम का 1,68,35,859 रुपये का गृहकर बकाया है। इसके बावजूद, इस राशि के भुगतान के लिए नगर निगम ने कई बार बिल, नोटिस और डिमांड जारी कर चुका है और व्यक्तिगत प्रयास भी किए, लेकिन अब तक कोई भुगतान नहीं किया गया है। इस स्थिति को देखते हुए नगर निगम ने अपनी कानूनी शक्तियों का उपयोग करते हुए कार्रवाई की है। नगर निगम ने अवध शिल्प ग्राम, उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद के बैंक खाते को कुर्क करने का आदेश जारी किया है। नगर निगम ने अवध शिल्प ग्राम के बैंक खातों को सीज करा दिया है। नगर निगम का यह आदेश इस बात की ओर इशारा करता है कि अब तक किए गए प्रयासों के बावजूद, जब तक बकाए का भुगतान नहीं किया जाएगा, तब तक संबंधित खातों से कोई भी धनराशि नहीं निकाली जा सकेगी। नगर निगम ने स्पष्ट रूप से कहा है कि तब तक इन खातों से किसी भी प्रकार की कोई लेन-देन नहीं होगी जब तक कि आवास एवं विकास परिषद से नगर निगम को बकाए का अदेयता प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं हो जाता। यह कदम नगर निगम की ओर से बहुत ही कठोर कदम है, जिसका उद्देश्य सरकारी बकाए का भुगतान सुनिश्चित करना और भविष्य में ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई करना है। यह कदम इस बात का भी संकेत है कि नगर निगम अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए किसी भी प्रकार के बकाए को सुलझाने के लिए गंभीर है और उन संस्थाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा जो बकाया राशि का भुगतान नहीं करतीं।इस कार्रवाई से अन्य संस्थाओं और व्यक्तियों को भी यह संदेश जाएगा कि नगर निगम अपने बकाए के मामलों में सख्ती से पेश आएगा और किसी भी तरह के भुगतान में विलंब करने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों में समय रहते भुगतान करने की आवश्यकता है, ताकि इस प्रकार के कानूनी कदमों से बचा जा सके। अब यह देखना होगा कि अवध शिल्प ग्राम के प्रशासन द्वारा इस आदेश पर कितनी जल्दी कार्रवाई की जाती है और बकाए का भुगतान कब तक किया जाएगा।नगर निगम ने अधिनियम 1959 की धारा 509 से 516 तक के तहत, यदि कोई व्यक्ति या संस्था अपने बकाए का भुगतान नहीं करती है, तो नगर निगम को अधिकार है कि वह उस व्यक्ति या संस्था की चल संपत्ति को कुर्क कर ले।