उत्तराखंड। जिलाधिकारी ने शनिवार को जनपद में पोषण अभियान के तहत चल रहे कार्यों की वीसी के माध्यम से समीक्षा बैठक ली। इस बैठक में पोषण अभियान को प्रभावी ढंग से लागू करने के उपायों पर चर्चा की गई।
जिलाधिकारी ने संबंधित विभाग को निर्देश दिए कि बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं में कुपोषण को समाप्त करने के लिए समन्वय से कार्य करें और कहा कि पोषण अभियान एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य कुपोषण संबंधी चुनौतियों का समाधान करना है।
जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने इस दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की संख्या तथा उनके पोषण स्तर के संबंध में जानकारी प्राप्त की तथा कम बच्चों की संख्या वाले आंगनबाड़ी केंद्रों और किराये के भवन में चल रहे केंद्रों का बाल विकास परियोजना अधिकारी स्तर से परीक्षण कराकर उन्हें प्राथमिक विद्यालयों में शिफ्ट किये जाने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने पोषण सामग्री वितरित करने से पूर्व ई-केवाईसी में आ रही समस्याओं का निराकरण किये जाने के निर्देश दिये तथा पोषण सामग्री का लाभ पात्र लाभार्थी तक पहुंचाने के लिए आधार प्रमाणन और फेस ऑथेंटिकेशन करने के भी निर्देश दिये ताकि पात्र लाभार्थियों तक पोषण सामग्री सही मात्रा में और समय से उपलब्ध हो सके।
जिलाधिकारी ने अभियान के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने और स्वस्थ पोषण पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिये तथा कहा कि पोषण संबंधित विभिन्न योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर सभी आवश्यक कदम उठाएं जाएं। जिलाधिकारी ने पोषण की स्थिति से संबंधित डेटा के नियमित संग्रह और प्रभावी निगरानी तंत्र स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि वास्तविक समय में प्रगति का आकलन किया जा सके तथा पोषण अभियान को सफल बनाने के लिए स्थानीय समुदायों और स्वयं सहायता समूहों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करके पोषण स्तर को बढ़ाया जा सके।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि वे लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ काम करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जिले में कोई भी कुपोषण का शिकार न हो। बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी यशोदा बिष्ट सहित सभी सीडीपीओ वीसी के माध्यम से जुड़े रहे।