उन्नाव। बीते कई दिनों से उफनाई गंगा अब थोड़ी राहत देती नजर आई, लेकिन यह राहत ज्यादा देर टिक नहीं सकी। बुधवार को जहां जलस्तर में मामूली गिरावट दर्ज की गई थी, वहीं गुरुवार सुबह एक बार फिर तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, गंगा के जलस्तर में उतार-चढ़ाव का सिलसिला अभी कुछ दिन और जारी रह सकता है। फिलहाल पानी तेजी से शुक्लागंज के घाटों की ओर फैल रहा है, जिससे निचले इलाकों में रहने वालों की चिंता बढ़ गई है।
जानकारी के अनुसार, मंगलवार शाम छह बजे गंगा का जलस्तर 109.580 मीटर दर्ज किया गया था। इसके बाद बुधवार सुबह आठ बजे जल स्तर 109.470 मीटर पर आ गया, जिससे यह माना गया कि पानी का स्तर घट रहा है। हालांकि, यह गिरावट क्षणिक रही और दोपहर एक बजे जलस्तर बढ़कर 109.540 मीटर पहुंच गया। शाम पांच बजे एक बार फिर बढ़ोतरी दर्ज की गई और जलस्तर 109.550 मीटर हो गया। गुरुवार सुबह नौ बजे जल स्तर में अचानक 30 सेंटीमीटर की वृद्धि के साथ 109.850 मीटर दर्ज किया गया।
केंद्रीय जल आयोग का कहना है कि यह उतार-चढ़ाव बांधों से छोड़े जा रहे पानी के कारण हो रहा है। पश्चिमी क्षेत्रों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे जलस्तर में अचानक वृद्धि देखी जा रही है। मौसम विभाग ने भी अगले कुछ दिनों में बारिश की संभावना जताई है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है।
शुक्लागंज के घाटों और निचले इलाकों में पानी तेजी से फैलने लगा है। इससे वहां रहने वाले लोगों में दहशत का माहौल है। प्रशासन की ओर से सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं। बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों को चैकसी बढ़ाने के लिए कहा गया है, वहीं राजस्व टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल इस समय गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी होती है, लेकिन इस बार अचानक बढ़े स्तर ने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। प्रशासन से समय रहते राहत व बचाव की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की जा रही है। जल आयोग के अनुसार, जलस्तर में बदलाव का सिलसिला फिलहाल जारी रहेगा और अगले 24 घंटे अत्यंत महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। यदि इसी तरह पानी बढ़ता रहा तो आने वाले दिनों में तटीय गांवों और फसलों पर संकट और गहरा सकता है।