सनेश ठाकुर
मुरादाबाद(विधान केसरी)। केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने बुधवार को मुरादाबाद के दिल्ली रोड स्थित सर्किट हाउस में “संवत कार्यक्रम” के दौरान पीतल उद्योग की समस्याओं और संभावनाओं को लेकर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने मुरादाबाद के पारंपरिक पीतल शिल्प उद्योग को और अधिक सशक्त बनाने के लिए कई अहम घोषणाएं कीं और भविष्य की योजनाएं साझा कीं।
पीतल नगरी को बताया देश का गौरव
मीडिया से बातचीत में जितिन प्रसाद ने कहा कि मुरादाबाद को 'पीतल नगरी' यूं ही नहीं कहा जाता — यह शहर लंबे समय से भारत के शिल्पकला और निर्यात क्षेत्र का प्रमुख केंद्र रहा है। यहां निर्मित पीतल और अन्य धातु से बने उत्पाद न केवल देशभर में बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी लोकप्रिय हैं।
एक्सपोर्टर्स को मिलेगी वन-स्टॉप सुविधा
कार्यक्रम में GGFT, GST विभाग, जिला प्रशासन और अन्य संबंधित अधिकारी भी मौजूद रहे। मंत्री ने बताया कि बैठक में मुरादाबाद के निर्यातकों की समस्याओं को समझा गया और उनके त्वरित समाधान के लिए वन-स्टॉप सेंटर स्थापित करने की योजना बनाई गई है। इस सेंटर पर एक्सपोर्टर्स को तकनीकी और प्रशासनिक सहायता एक ही स्थान पर मिलेगी।
इंफ्रास्ट्रक्चर में होगा सुधार
मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि मुरादाबाद को एक मजबूत एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित करने के लिए सड़क, रेल और अन्य बुनियादी ढांचे को उन्नत किया जाएगा। इससे न केवल व्यापार को बल मिलेगा बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे।
डबल इंजन सरकार कर रही है ठोस प्रयास
केंद्रीय मंत्री ने जोर देकर कहा कि केंद्र में मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश में योगी सरकार — यह डबल इंजन सरकार मिलकर मुरादाबाद के विकास को नई गति देने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से जहां रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, वहीं निर्यातकों की आमदनी में भी उल्लेखनीय इजाफा होगा।
उद्योग से जुड़े लोगों में उत्साह
मंत्री के आश्वासन और भावी योजनाओं को सुनकर मुरादाबाद के उद्योगपतियों और निर्यातकों में उत्साह और उम्मीद की लहर दौड़ गई है। उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में मुरादाबाद का नाम वैश्विक मंच पर और अधिक मजबूत तरीके से उभरेगा।
यह रिपोर्ट मुरादाबाद के पीतल उद्योग को लेकर केंद्र सरकार की प्राथमिकता और भावी कार्यनीति की एक झलक है, जो ‘लोकल से ग्लोबल’ की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकती है।