Type Here to Get Search Results !
BREAKING NEWS

गलवान झड़प के बाद पहली बार चीन यात्रा पर राजनाथ सिंह, शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में होंगे शामिल


गलवान घाटी की झड़प (जून 2020) के ठीक पांच साल बाद भारत का कोई वरिष्ठ मंत्री चीन के दौरे पर जा रहा है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक (25-26 जून) में हिस्सा लेने के चीन के चिंगदाओ जा रहे हैं. इस दौरान राजनाथ सिंह, चीन और रूस के रक्षा मंत्रियों के साथ बैठक भी करेंगे.

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, राजनाथ सिंह के साथ भारत का एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी SCO सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन जा रहा है. SCO बैठक में क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी प्रयासों और SCO सदस्य देशों के रक्षा मंत्रालयों के बीच सहयोग सहित कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है.

इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह SCO के सिद्धांतों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को व्यक्त करने, अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित करने, क्षेत्र में आतंकवाद व उग्रवाद को खत्म करने के लिए संयुक्त प्रयासों का आह्वान करेंगे. इसके साथ एससीओ में शामिल देशों के बीच अधिक व्यापार, आर्थिक सहयोग और संपर्क की आवश्यकता पर बल देंगे. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, राजनाथ सिंह, चीन और रूस सहित कुछ भागीदार देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे.

गलवान घाटी की झड़प के बाद से भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control/LAC) पर जबरदस्त तनाव बना हुआ था. पिछले साल यानी अक्टूबर 2024 में हालांकि, डिसएंगेजमेंट करार किया गया, जिसके तहत विवादित इलाकों से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट गई. ऐसे में संबंध पटरी पर आते दिखाई पड़े.

खास बात ये है कि सोमवार (23 जून) को ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल भी SCO देशों की सिक्योरिटी से जुड़े सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन में मौजूद थे. डोभाल ने इस दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात की. वहीं, मंगलवार (24 जून) को ही भारतीय तीर्थयात्रियों का पहला जत्था कैलाश मानसरोवर पहुंचा है. मानसरोवर यात्रा भी गलवान झड़प के बाद से बंद थी.

साल 2001 में गठित SCO, एक अंतर-सरकारी संगठन है. भारत साल 2017 में इसका पूर्ण सदस्य बना और 2023 में इसकी अध्यक्षता संभाली. SCO के सदस्यों में भारत के अलावा कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान और बेलारूस शामिल हैं. चीन ने 'शंघाई भावना की निरंतरता: गतिमान एससीओ' थीम के अंतर्गत साल 2025 के लिए SCO की अध्यक्षता संभाली है.

चीन में एससीओ बैठक के दौरान पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ से हालांकि, मुलाकात की संभावना बिल्कुल नहीं दिखाई पड़ रही हैं. क्योंकि पहलगाम हमले (22 अप्रैल) और ऑपरेशन सिंदूर (6-10 मई) के बाद से दोनों देशों के बीच में तनाव जारी है.

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, भारत बहुपक्षवाद, राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक और लोगों के बीच आपसी संपर्क को बढ़ावा देने में एससीओ को विशेष महत्व देता है. एससीओ संप्रभुता, राष्ट्रों की क्षेत्रीय अखंडता, आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने, आपसी सम्मान, समझ और सभी सदस्य देशों की समानता के सिद्धांतों के आधार पर अपनी नीति का पालन करता है

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Design by - Blogger Templates |