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पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा उत्सव के दौरान भारी भीड़, 500 से ज्यादा श्रद्धालुओं की बिगड़ी तबीयत


ओडिशा के पुरी में शुक्रवार (27 जून 2025) को विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान ज्यादा भीड़ अत्यधिक भीड़ उमड़ने के कारण घुटन की स्थिति बन गई, जिस वजह से 500 से अधिक श्रद्धालुओं की तबियत बिगड़ गई. कुछ श्रद्धालुओं को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. शाम होने के कारण रथ खींचना बीच में ही रोक दिया गया. शनिवार (28 जून 2025) की सुबह श्रद्धालु श्रीगुंडिचा मंदिर के लिए अपनी यात्रा फिर से शुरू करेंगे.

बताया जा रहा है कि इस यात्रा के दौरान ग्रैंड रोड पर रथ खींचने के लिए काफी ज्यादा संख्या में श्रद्धालु पहुंच गए थे. हजारों भक्त एकसाथ तालध्वज रथ की रस्सी को छूने के लिए दौड़ पड़े. श्रद्धालुओं ने रथ को लगभग ढाई किलोमीटर दूर गुंडिचा मंदिर की ओर खींचने की कोशिश की तभी गर्मी और भीड़ की वजह से कई लोगों की तबीयत बिगड़ गई.

ओडिशा के पुरी में शुक्रवार को रथ यात्रा उत्सव का मुख्य भाग शुरू होने के साथ ही हजारों लोगों ने भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों के रथों से जुड़ी रस्सियों को श्री गुंडिचा मंदिर की ओर खींचा. श्री गुंडिचा मंदिर, 12वीं सदी के भगवान जगन्नाथ मंदिर से करीब 2.6 किलोमीटर दूर है.

राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र के रथों को खींचने वालों में शामिल थे. जय जगन्नाथ और हरि बोल के उद्घोष और झांझ-मंजीरे, तुरही और शंख की ध्वनि के बीच सबसे पहले शाम चार बजकर आठ मिनट पर भगवान बलभद्र का तालध्वज रथ आगे बढ़ा.

इसके बाद देवी सुभद्रा का दर्पदलन रथ और अंत में भगवान जगन्नाथ का नंदीघोष रथ रवाना हुआ. यह रथ यात्रा 9 दिन का होता है. भगवान रथ पर सवार होकर श्रीगुंडिचा मंदिर पहुंचते हैं और 7 दिन रुकने के बाद फिर अपने मंदिर आते हैं.

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